अहमदनगर: अहमदनगर (Ahmednagar) के जिला अस्पताल (District Hospital) के कोविड आईसीयू (ICU) में आग (Fire)लगने से 11 मरीजों की मौत (Death) होने के मामले में तोपखाना पुलिस ने एक डॉक्टर और तीन नर्स को मंगलवार शाम को गिरफ्तार (Arrested) किया । इस दौरान इस कार्रवाई के खिलाफ जिला अस्पताल के संघटनों ने विरोध करते हुए इस कार्रवाई को एक तरफा होने का आरोप लगाया है।
वैद्यकीय अधिकारी डॉ. विशाखा शिंदे, परिचारिका सपना पठारे, परिचारिका अस्मा शेख और परिचारिका चन्ना आनंत ऐसे पुलिस ने गिरफ्तार किए आरोपियों के नाम हैं। इन में से डॉ. विशाखा शिंदे और सपना पठारे को निलंबित और अस्मा शेख और चन्ना आनंत इन दो परिचारिकाओं की सेवा बर्खास्त करने का आदेश राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने पहले से ही जारी किया है।
मुख्य आरोपी को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग
इस दौरान कोविड आईसीयू में आग लगने की और 11 मरीजों की मौत होने के मामले में पुलिस ने परिचारिकाओं को गिरफ्तार करने पर जिला अस्पताल के परिचारिका संघटनों ने विरोध करते हुए कार्रवाई को एक तरफा होने का आरोप लगाया है। उसी तरह इस घटना में मुख्य आरोपी को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की है। जिला अस्पताल आईसीयू में लगी आग और 11 मरीजों की मौत की घटना को गंभीरता से लेकर राज्य सरकार ने चार लोगों को निलंबित किया है। उसी तरह परिचारिका अस्मा शेख और परिचारिका चन्ना आनंत की सेवा समाप्त कराने की कार्रवाई की है। स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने स्वयं इस कार्रवाई की जानकारी दी थी।
तोपखाना पुलिस थाने में मामला दर्ज
इस घटना के संदर्भ में तोपखाना पुलिस थाने में मामला दर्ज किया है। मामले की जांच कराने का काम पुलिस उप अधीक्षक संदीप मिटके स्वयं कर रहे है। इस दौरान सिविल सर्जन डॉ. पोखरणा निलंबित होने पर स्वास्थ्य सेवा नाशिक मंडल के उपसंचालक ने जिला अस्पताल के प्रशिक्षण केंद्र के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. भूषण कुमार रामटेके को अस्थायी रूप से सिविल सर्जन के पद पर नियुक्त किया है।