नाशिक : अब तक जिले के आस पास मंडरा रहा ओमिक्रोन (Omicron) का खतरा गुरुवार (Thursday) को नाशिक (Nashik) में भी प्रवेश कर गया। गंगापुर रोड (Gangapur Road) परिसर (Complex) के एक 10 वर्षीय बालक के ओमिक्रोन से संक्रमित (Infected) होने की जानकारी सामने आई है। इस खबर से शहर में खलबली मच गई है। लेकिन खास बात यह है कि इस बालक में किसी तरह के लक्षण नहीं और उसकी हालत स्थिर है।
इससे पूर्व पुणे, ठाणे, औरंगाबाद, नगर जैसे नाशिक से सटे जिलों में ओमिक्रोन के मरीज मिल चुके है। लेकिन अब तक नाशिक इससे अछूता था। बुधवार की शाम संबंधित किशोर की रिपोर्ट में ओमिक्रोन की पुष्टि होने के बाद महानगरपालिका स्वास्थ्य विभाग के साथ जिला प्रशासन सतर्क हो गया है। प्रशासकीय स्तर के साथ स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कई तरह के उपायों पर जोर देना शुरू कर दिया गया है।
जिलाधिकारी ने दी जानकारी
इस मामले पर जिलाधिकारी सूरज मांढरे ने जानकारी देते हुए बताया कि नाशिक के कुछ संदिग्धों के नमूने जिनोम सिक्वेन्सिंग के लिए पुणे के राष्ट्रीय संक्रमण लैब भेजा गया है। इन्हीं नमूनों में संक्रमित पाए जाने की जानकारी मिली है। लेकिन नागरिक घबराए नहीं। यह संक्रमण फैले नहीं इसलिए कोरोना नियमों का पालन करना जरूरी है। खुद का वैक्सीनेशन कराना सबसे महत्वपूर्ण है।
माता पिता संक्रमित लेकिन तबीयत स्थिर
18 दिसंबर को सबसे पहले इस बालक के माता पिता कोरोना संक्रमित हुए थे। इसके बाद 19 दिसंबर को इस बालक का टेस्ट कराने पर वह भी संक्रमित मिला। संबंधित प्राइवेट लैब ने इस बालक का नमूना रैंडम जांच के लिए जिनोम सिक्वेन्सिंग के लिए भेजा था। उसकी रिपोर्ट मिलने में 12 दिन का वक्त लगा। बालक की रिपोर्ट में उसे ओमिक्रोन होने की पुष्टि हुई है। उसके माता पिता और संबंधित लोगों के नमूने जिनोम सिक्वेन्सिंग के लिए भेजी जाएगी। यह जानकारी महानगरपालिका स्वास्थ्य विभाग के सुप्रीटेंडेंट डॉ. बापूसाहेब नागरगोजे ने दी है।
स्वास्थ्य व्यवस्था अलर्ट
पिछले 10 दिनों से बालक उसके माता पिता घर में ही रहकर उपचार करा रहे थे। लेकिन बालक की रिपोर्ट मिलने के बाद उसे एक प्राइवेट हॉस्पिटल में आइसोलेट किया गया है। उसकी हालत स्थिर होने से स्वास्थ्य विभाग को राहत मिली है। लेकिन जिन्हें पहले कोरोना हुआ था उसे लेकर जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था अलर्ट हो गई है। अधिक से अधिक सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए है।