मोर्शी. राज्य के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार द्वारा घोषणा किए जाने के बाद भी महाराष्ट्र राज्य बिजली वितरण कंपनी किसानों के बिजली कनेक्शन कांटने की कार्रवाई कर रही है. मोर्शी शहर और तहसील की 35 डीपीयों की बिजली आपुर्ती खंडित की.
जिस पर भड़के किसानों ने शुकरवार को पुर्व कृषि मंत्री डा. अनिल बोंडे के नेतृत्व में बिजली कंपनी के कार्यालय के सामने सत्याग्रह आंदोलन किया गया. जब तक खंडित बिजली आपुर्ती सुचारू नहीं होती, तब तक यहां से नहीं हटेंगे. यह भूमिका आंदोलकों ने लेने से कुछ समय के लिए तनाव बढ़ गया था. शहर में सुबह 9 बजे से ही दंगा नियंत्रक दस्ते तैनात हो गए थे.
पंप नहीं, फिर भी बिल डेढ़ लाख
मोर्शी, वरूड क्षेत्र को संतरे के कैलिफोर्निया के रूप में जाना जाता है. वर्तमान में संतरे के अंबिया बहार को बचाने के लिए पानी देना जरूरी है. लेकिन बिजली वितरण कंपनी ने किसानों के बिजली कनेक्शन काटने शुरू कर दिए हैं. जिससे फसल चौपट होने का डर है. साथ ही प्याज के खेतों को भी पानी जरूरी है. लेकिन किसानों के कनेक्शन कांट कर अन्याय किया जा रहा है.
किसानों के लिए यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. मौके पर मौजूद किसानों ने महाराष्ट्र राज्य बिजली वितरण कंपनी के कु प्रबंधन की जानकारी देते हुए कहा कि जिन किसानों के पास मोटर पंप नहीं है, उनका भी डेढ़ लाख रुपये का बिल आया है. ऐसे कई किसानों की जानकारी भी उन्होंने मौके पर दी.
8 दिनों में तीन बार ओलावृष्टि
क्षेत्र में विगत 8 दिनों में तीन बार ओलावृष्टि और आंधी के कारण किसान बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. वर्तमान में अंबिया बहार और प्याज रोपण का मौसम है. लेकिन सरकार ने किसानों के खेतों की डीपी ऐन समय पर बंद कर दी. इससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है. जिस पर ध्यान देने की मांग की गई.
आंदोलन में पूर्व कृषि मंत्री डॉ.अनिल बोंडे, पूर्व पार्षद सुनील ढोले, जिला परिषद सदस्य प्रा. संजय घुलसे, शरद मोहोड, प्रवीण राउत, अजिंक्य लुंगे, उमेश गोरडे, अशोक ठाकरे, सतीश लेकुरवाले, प्रशांत राउत और सैकड़ो किसान शामिल थे.