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    वाशिंगटन: रूस (Russia) के यूक्रेन (Ukraine) पर सैन्य कार्रवाई करने की आशंकाओं को लेकर बढ़ती चिंता के बीच पेंटागन (Pentagon) ने 8,500 सैनिकों (Soldiers) को नाटो (NATO) बल के हिस्से के रूप में यूरोप में तैनात होने के लिए तैयार रहने को कहा है। राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) ने यूरोप के प्रमुख नेताओं से विचार-विमर्श किया और अपने सहयोगी देशों के साथ एकजुटता प्रदर्शित की।

    सोमवार को अमेरिकी सैनिकों को यूरोप में तैनात करने के लिए तैयार होने का आदेश जारी किये जाने के बीच यह उम्मीद कम होती दिख रही है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपने उस रुख से पीछे हटेंगे जिसे बाइडन ने पड़ोसी यूक्रेन पर हमले के खतरे के रूप में आंका है। इस दौरान यूक्रेन के भविष्य के साथ नाटो गठबंधन बल की विश्वसनीयता भी दांव पर है जो अमेरिकी रक्षा रणनीति के केंद्र में है। वहीं पुतिन इसे शीत युद्ध की याद के तौर पर और रूसी सुरक्षा के लिए खतरे के रूप में देखते हैं।

    बाइडन का मानना है कि यह संकट पुतिन के खिलाफ एकजुट होकर प्रयास करने की उनकी क्षमता का बड़ा परीक्षण है। पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने कहा कि संभावित तैनाती के लिए 8,500 अमेरिकी सैनिकों को तैयार किया जा रहा है। इन्हें यूक्रेन में नहीं बल्कि रूस की किसी भी आक्रामक गतिविधि की रोकथाम के लिए एकजुटता जताने वाले नाटो बल के भाग के रूप में पूर्वी यूरोप में भेजा जा सकता है। रूस ने आक्रमण करने की संभावना से इनकार किया है। उसका कहना है कि पश्चिमी देशों के आरोप नाटो की खुद की सुनियोजित उकसावे वाली कार्रवाइयों को ढकने का प्रयास मात्र हैं।

    बाइडन ने रूस की सैन्य गतिविधियों पर यूरोप के अनेक नेताओं के साथ 80 मिनट तक वीडियो कॉल पर बात की। उन्होंने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरी बहुत, बहुत अच्छी बैठक रही। सभी यूरोपीय नेताओं में पूरी तरह से सर्वसम्मति है।” व्हाइट हाउस ने कहा कि यूरोपीय नेताओं ने संकट के कूटनीतिक समाधान के लिए अपनी आकांक्षा जाहिर की है, साथ ही रूस की और गतिविधियों पर रोकथाम के प्रयासों पर चर्चा भी की।

    अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने एक दिन पहले यूक्रेन स्थित अमेरिकी दूतावास में कार्यरत सभी अमेरिकी कर्मियों के परिवारों को रूसी हमले के बढ़ते खतरों के बीच देश छोड़ने का आदेश दिया था। मंत्रालय ने कीव स्थित अमेरिकी दूतावास के कर्मियों के आश्रितों को परामर्श दिया कि उन्हें देश छोड़ देना चाहिए।