जलगांव के रावेर में केरोसीन के लिए भटक रहे गरीब, 970 रुपए के रसोई गैस ने बिगाड़ा बजट

    Loading

    रावेर: रसोई गैस (LPG) के दाम बढ़ने से और साथ ही लकड़ी की कीमतें भी बढ़ने से ग्रामीण भागों में रहने वाले गरीब परिवार केरोसीन (Kerosene) के लिए भटक रहे हैं। गैस सिलेंडर के दाम एक हजार के करीब पहुंच गए हैं। रावेर तहसील (Raver Tehsil) में घरेलू गैस सिलेंडर 970 रुपए हो गए हैं इसका सीधा असर आम जनता की जेब पर पड़ रहा है। आम लोग परेशान होकर वैकल्पिक ईंधन की आवश्यकता महसूस कर रहे हैं। 

    शासन ने 2020 से केरोसीन की आपूर्ति पूरी तरह से बंद कर दी है। ग्रामीण भागों में गर बिजली बंद हो जाए तो केरोसीन की जरूरत महसूस होती है। केरोसीन के कारण लालटेन लुप्त हो गए हैं। अनेक घरों में केरोसिन की आवश्यकता रहती है। ग्रामीण भाग में बिजली खंडित होने के कारण गरीबों के घरों में केरोसीन के अभाव के कारण अंधेरा छाया रहता है।

    शो-पीस बने उज्वला सिलेंडर

    सरकार ने उज्वला गैस सिलेंडर नि:शुल्क वितरित किए हैं। धुएं से मुक्त घर करने के साथ ही पेड़ कटाई को रोकने के लिए सरकार प्रयासरत हैं। इसे देखते हुए गैस पूर्ति होने के बाद राशन कार्ड से केरोसीन कम अथवा बंद करने का नियम बन जाने से हजारों लोगों को केरोसीन नहीं मिल रहा है। शहर और ग्रामीण क्षेत्र में केरोसिन की भारी कमी निर्माण हो रही है। घर पर गैस कनेक्शन आने के बाद बढ़ रही महंगाई के कारण अनेक घर में चूल्हा फिर से शुरू कर दिया गया है। जिससे उज्वला सिलेंडर शोपीस बन गए हैं। अब घरों से धुआं निकल रहा हैं, ऐसे में लोग केरोसीन की सख्त जरूरत महसूस करने लगे हैं।

    तहसील में शुरू करें केरोसीन वितरण

    सरकार ने राशन कार्ड से केरोसीन कम कर दिया है, लेकिन अब बिजली की दरों में वृद्धि हुई है और घरेलू गैस सिलेंडर के दाम भी बढ़ा दिए गये हैं जिससे केरोसीन की मांग बढ़ रही है। इस बात को ध्यान में रखकर गरीब, सामान्य नागरिक को राहत देने के लिए सरकार ने दुबारा से केरोसिन की बिक्री खुले बाजार में शुरू करें। यह मांग गरीबों की ओर से की जा रही है।

    शव जलाने के लिए नहीं है केरोसीन

    घर-घर में बिजली और गैस होने पर भी आमतौर पर केरोसिन की आवश्यकता पड़ती है। केरोसीन पर चलने वाले ईंधन श्मशान घाट पर शव जलाने के लिए केरोसीन की आवश्यकता होती है। वर्तमान में सभी लोगों के लिए केरोसीन की आपूर्ति बंद कर दी गई है। केरोसीन की मांग अभी कायम है जिसे शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में केरोसीन उपलब्ध कराने की मांग की जा रही है।