मुंबई. बृह्नमुंबई महानगरपालिका (BMC) ने बुधवार को एक फरमान जारी किया है, जिसमें कहा गया कि मुंबई में सभी दुकानों (Shops) और प्रतिष्ठानों का नाम पहले मराठी भाषा में होंगा और फिर किसी अन्य भाषा में। साथ ही शराब दुकानदारों से मशहूर हस्तियों और ऐतिहासिक किलों के नाम का उपयोग नहीं करने को कहा है।
BMC ने अपने ताजा आदेश में कहा, “दुकानों के नाम पहले मराठी में, बड़े अक्षरों में और फिर अन्य भाषाओं में लिखे जाएं। शराब की दुकानों की नेम प्लेट पर दूरदर्शी पुरुषों, किलों के नाम नहीं लिखे जाने चाहिए। मराठी अक्षरों का फ़ॉन्ट का आकार अन्य अक्षरों से बड़ा होना चाहिए।”
Mumbai | BMC orders that the names of the shops should be written first in Marathi, in capital letters &then in other languages.Names of visionary men,forts shouldn't be written on nameplates of liquor shops.The font size of Marathi letters should be bigger than all other letters
— ANI (@ANI) April 6, 2022
गौरतलब है कि पिछले महीने, बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार के उस आदेश को रद्द करने से इनकार कर दिया जिसमें दुकानों और प्रतिष्ठानों को मराठी (देवनागरी लिपि) भाषा में अपना नाम प्रदर्शित करने के लिए अनिवार्य किया गया था।
हाई कोर्ट ने कहा था कि यह नियम उचित है। मराठी राज्य सरकार की आधिकारिक भाषा हो सकती है, लेकिन यह निर्विवाद रूप से राज्य की आम भाषा और मातृभाषा भी है।