bjp-congress
File Photo

    Loading

    जामनेर: जामनेर विकास कार्यकारी सोसायटी के चुनाव (Election) में वर्तमान सत्ताधारी बीजेपी (BJP) के सहकार पैनल ने सभी 13 सीटें जीतकर जीत (Win)का परचम लहराया है। पूर्व मंत्री गिरीश महाजन (Girish Mahajan) के नेतृत्व में बने सहकार पैनल में कांग्रेस (Congress) की ओर से डॉ. स्नेहांकीता लोखंडे, शंकर राजपूत और प्रहार संगठन के प्रदीप गायके जीत के रंग में रंग गए। 16 अप्रैल को कोल्हापुर उत्तर विधानसभा सीट के उपचुनाव में एनसीपी, शिवसेना की साझा प्रत्याशी कांग्रेस की उम्मीदवार आरती जाधव के जीत पर ठाकरे सरकार में शामिल तीनों दलों के नेताओं ने बीजेपी को यह कहकर चुनौती दी थी कि इसी प्रकार से तीनों दल मिलकर बीजेपी को जितने से रोकते रहेंगे। 

    इस सीट के नतीजों के ठीक दूसरे दिन जामनेर सोसायटी के चुनाव में गठबंधन में शामिल दलों में से कांग्रेस और प्रहार ने एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस के शेतकरी पैनल के खिलाफ जाकर बीजेपी के सहकार पैनल से चुनाव लड़ा और जीता भी। सोसायटी चुनाव में एनसीपी नेता संजय गरुड़ ने महागठबंधन का पैनल खड़ा किया था, जिनके उम्मीदवारों को 50 से 100 वोटों के अंतर से हार का मुंह देखना पड़ा है।

    पार्टी समर्थित होते हैं प्रत्याशी

    सहकार पैनल में गोपाल पाटिल, जगन सुरलकर निर्विरोध चुने गए थे, वहीं अन्य सीटों के लिए हुए चुनाव में पांडुरंग माली, देवराम चौधरी, ज्ञानेश्वर माली, अहमद जावेद, माधुरी लखोटे, गोविंदा धनगर, राजेन्द्र भोईटे, विजय सोनावणे समेत उक्त 3 सदस्य विजयी हुए हैं। वैसे सहकार क्षेत्र में संसदीय चुनावों के तरह पार्टी चिन्ह पर चुनाव नहीं लड़ा जाता, लेकिन जो पैनल खड़े किए जाते है वह पार्टी समर्थित होते हैं। किसी एक पैनल की जीत को पार्टी और उस पार्टी के करिश्माई व्यक्तित्व की जीत करार देकर मीडिया में प्रचारित किया जाता है। 

    बीजेपी पैनल में रही कांग्रेस की सहभागिता

    देश के पहले सहकारिता मंत्री का पदभार वहन कर रहे अमित शाह के कार्यकाल में सहकार क्षेत्र का यह शायद पहला चुनाव होगा जिसमें बीजेपी पैनल में कांग्रेस की सहभागिता रही। वैसे पूर्व मंत्री गिरीश महाजन चाहते तो सभी 13 सीटों पर बीजेपी के कार्यकर्ताओं को उम्मीदवारी देकर क्लीन स्वीप कर सकते थे, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। शेतकरी पैनल की हार को लेकर प्रतिक्रिया के लिए कांग्रेस ब्लाक अध्यक्ष शरद पाटिल से संपर्क करने का प्रयास विफल रहा। आने वाले दिनों में राज्य में जिला परिषद पंचायत समिति के आम चुनाव होने हैं जिसमें जामनेर सहकार क्षेत्र में किए गए उक्त प्रयोग का जिक्र अवश्य किया जाएगा।