रावेर: तहसील में केला उत्पादक (Banana Grower) किसानों (Farmers) की समस्या खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। तहसील में महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड अघोषित बिजली कटौती (Power Cuts) की है और बकाया के नाम पर बिजली आपूर्ति खंडित (Power Supply Fractured) कर दी है। किसानों का कहना है कि पानी न मिलने की वजह से केले के बाग नष्ट होने की कगार पर हैं। कभी जलवायु परिवर्तन तो कभी सरकार की उदासीन नीति के कारण केले के उत्पादन पर असर हो रहा है। इस समय मौसम साफ है, पानी की प्रचुर आपूर्ति और केले के अच्छे दाम के बावजूद केले के बाग संकट में हैं।
केला उत्पादकों को प्रकृति की अनियमितताओं का भी सामना करना पड़ा है तो वहीं जलवायु परिवर्तन से केले के बाग पर रोगों का भी प्रादुर्भाव हुआ है। बिजली कटौती के कारण किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। तहसील में मार्च से केले की नई फसल की तैयारी शुरू की जाती है। अप्रैल में किसानों की ओर से तहसील में लगभग 2 करोड़ टिशू कल्चर केले के नए पौधे लगाए जाते हैं, लेकिन पिछले 2 महीनों से बिजली वितरण कंपनी ने कृषि पंपों की बिजली आपूर्ति बंद कर दी है और किसान केले के बागों को बचाने के लिए दौड़ पड़े हैं।
जोखिम उठाने को किसान तैयार नहीं
बिजली के लोडशेडिंग ने केले के नए बागानों को प्रभावित किया है। तहसील में हर वर्ष लगभग 22,000 हेक्टेयर क्षेत्र में केले का उत्पादन किया जाता है, इनमें 10 से 15% यानी लगभग 2500 हेक्टेयर क्षेत्र में केले की फसल की बुआई माह में कर ली जाती है। कृषि पंपों को अपर्याप्त बिजली आपूर्ति के कारण, केला उत्पादक वर्तमान में नए केले की नई फसल लगाने का जोखिम उठाने को तैयार नहीं हैं।
पांच घंटे ही मिल रही बिजली
बिजली वितरण कंपनी ने पहले तहसील में कृषि कार्य के लिए 10 घंटे बिजली आपूर्ति करने की योजना बनाई थी। पिछले 2 महीनों में अवधि को 10 घंटे के बजाय 2 घंटे से घटाकर 8 घंटे करने की घोषणा की गई थी, लेकिन पिछले महीने से निर्धारित 8 घंटे बिजली आपूर्ति नहीं होने से किसान परेशान हैं। केले के बागों को बचाने के लिए किसान दौड़ पड़े हैं, क्योंकि 24 घंटे में 4 से 5 घंटे बिजली ही कृषि पंपों को आपूर्ति की जा रही है।