जिले में मानसून पूर्व बुआई को शुरुआत, किसान लगे काम पर

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    यवतमाल.  जिले में अनेक जगह पर मान्सुन पूर्व बारिश की बूंदाबादी हो गई है.  आज के स्थिति में बदरिला मौसम है. कुछ दिनों में बारिश की शुरूआत होगी. इसी आशा से जिले के अनेक इलाकों में किसानों ने बुआई की शुरूआत की है. ऐसे में घाटंजी तहसील के सावरगाव मंगी के एक किसान ने अपने परिवा समेत पारंपरिक संसाधन का पूजन कर मान्सूनपूर्व बुआई को शुरूआत की है.

    जिले में अनेक जगह पर मान्सूनपूर्व बारिश हुई है.  जिस वजह से किसानों ने भी खरीप मौसम में बुआई की तैयारी शुरू की ह.  किसानों की बुआई पूर्व खेती की मश्गत की काम खत्म हो गए है  ओर किसान बीज खाद्य खरेदीने में जूट गया है.  कर्ज माफी मिले किसान नए कर्ज लेने के लिए भागदौड कर रहे है. लेकिन जिस किसानों को कर्ज माफी का लाभ नही मिला है वह किसान अर्थिक चींता में दिखाई दे र हा है. जिला

    कृषि विभाग ने इस वर्ष खरीप का लगभग साडे नौ लाख हेक्टर पर बुआई का नियोजन किया है. इस वर्ष कपास को अच्छा दाम मिला था इस वजह से किसानों ने भी कपास लगाने  पर विशेष जोर दिया है. इस वर्ष लगभग  साडे पांच  लाख हेक्टर पर कपास की बुआई होने का कयास कृषि विभाग की ओर से लगाया जा रहा है. उस दृष्टी से खरीप मौसम की शुरूआत हूए ओर अंतिम चरणो में आए किसानों ने मान्सूनपूर्व बुआई को शुरूआत की है. आनेवाले कुछ दिनों में बारिश होने की आशा इस बुआई को प्रारंभ किया है.

    जिले के  सावरगाव मंगी निवासी युवा किसान किरण प्रधान ने अपने खेत में पर्यावरण दिन के अवसर पर पारंपारिक पूजन कर मन्सूनपूर्व बुआई की शुरूआत की. इस समय गोबर से लेने जमीन पर तिफन का पुजन किया गया. खेती से मिलनेवाला उत्पादन  ही परिवार का आधार होने की वजह से इस पूजा में पूरा परिवार  ने सहभागीता की. उकसे बाद परिवार ने मिलकर कपास की बुआई को शुरूआत की. दो दिन में बारिश होने की संभावनाए किसानों की ओर से जताई जा रही है.

    100 मिमि बारिश होने के बाद ही बुआई करे

    इस वर्षी खरीप बुआई की तैयारी अंतिम चरणों में है. विविध कृषी केंद्र में आवश्यक प्रामाण में बीज, खाद्य व दवाईया उपलब्ध है. इस वर्ष किसान कपास बुआई पर विशेष ध्यान दे रहे है. जिस वजह से निश्चित रूप से इस वर्षे कपास का क्षेत्र बढनेवाला है.  साथ ही सोयाबीन का क्षेत्र भी बढेगा. किसानों ने सोयाबीन बीज की जांच कर बुआई करे. साथ ही सुरक्षता के लिए बीज की बुरशीनाशक दवाईया  बीज प्रक्रिया करे.   समाधानकारक बारिश यानी 100 मिमी बारिश होने के बाद ही  बुआई करे ऐसी अपील कृषि विभाग की ओर से की गई है.