नई दिल्ली: राष्ट्रपति चुनाव के लिए में विपक्षी दलों ने सोमवार को अपने उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के राष्ट्रव्यापी प्रचार के लिए 11 सदस्यीय अभियान समिति का गठन किया हैं। इस समिति में कांग्रेस के जयराम रमेश, माकपा के सीताराम येचुरी, राकांपा के प्रफुल्ल पटेल और सिविल सोसायटी के एक सदस्य समेत राजनीतिक दलों के 10 प्रतिनिधि शामिल होंगे।
Opposition parties form an 11-member Campaign Committee for the nationwide campaign of their Presidential polls candidate Yashwant Sinha.
10 representatives of political parties – incl Jairam Ramesh (Cong), Sitaram Yechury (CPIM), Praful Patel (NCP) – & a member of Civil Society
— ANI (@ANI) June 27, 2022
यह एक बड़ी लड़ाई है
इससे पहले, विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने कहा, ‘मैं उन सभी विपक्षी दलों का शुक्रगुजार हूं जिन्होंने एक साथ आकर मुझे अपना उम्मीदवार चुना। कहा जा रहा है कि मैं चौथी पसंद हूं लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि अगर मैं 10वें नंबर पर था तो भी। मैं स्वीकार करता क्योंकि यह एक बड़ी लड़ाई है।’
I'm thankful to all the opposition parties who came together & chose me as their candidate. It's being said I am the 4th choice but I want to say even if I was at the 10th no. I would've accepted because it's a big battle: Opposition's Presidential polls candidate Yashwant Sinha pic.twitter.com/sr547nmocL
— ANI (@ANI) June 27, 2022
प्रतीकवाद की राजनीति
यशवंत सिन्हा ने अपने प्रतिद्वंद्वी एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी को “प्रतीकवाद की राजनीति” का हिस्सा बताया और जोर देकर कहा कि वह पिछड़े समुदायों के कल्याण के संबंध में मोदी सरकार के ट्रैक रिकॉर्ड पर चुनाव लड़ेंगे।
सिन्हा ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भगवा पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र का अभाव है। उन्होंने कहा, “मैं जिस भाजपा का हिस्सा था, उसमें आंतरिक लोकतंत्र का अभाव है।”
जानकारी के लिए बता दें कि, सिन्हा ने अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार में वित्त मंत्री और विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया। उन्होंने 2018 में भाजपा से इस्तीफा दे दिया था और 2021 में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे। उन्होंने 21 जून को अपनी उम्मीदवारी की घोषणा से पहले तृणमूल कांग्रेस छोड़ दी थी। उल्लेखनीय है कि, भारत के राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 18 जुलाई को होना है और मतों की गिनती 21 जुलाई को की जाएगी।