नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश के भीमावरम में अल्लूरी सीताराम राजू के 125वें जयंती समारोह आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, सीताराम राजू गारू की जीवन यात्रा हम सभी के लिए प्रेरणादायक है। आज अमृतकाल में इन सेनानियों के सपनों को पूरा करने की ज़िम्मेदारी हम सभी देशवासियों की है। हमारा नया भारत इनके सपनों का भारत होना चाहिए। एक ऐसा भारत जिसमें गरीब, किसान, मजदूर, पिछड़ा, आदिवासी सबके लिए समान अवसर उपलब्ध हो।
उन्होंने आगे कहा कि, भारत का स्वतंत्रता संग्राम कुछ वर्षों, क्षेत्रों या लोगों तक सीमित नहीं है, इस संग्राम में हर नुक्कड़ और कोने से बलिदान दिए गए हैं, जिसका पूरे देश के नागरिक ऋणी है। प्रधानमंत्री ने आगे अपने भाषण में कहा कि, स्किल इंडिया मिशन के जरिए आज आदिवासी कला-कौशल को नई पहचान मिल रही है। ‘वोकल फॉर लोकल’ आदिवासी कला कौशल को आय का साधन बना रहा है। दशकों पुराने क़ानून जो आदिवासी लोगों को बांस जैसी वन-उपज को काटने से रोकते थे, हमने उन्हें बदलकर वन-उपज पर अधिकार देने का कम क्र रहें हैं।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि, सीताराम राजू गारू ने जब विदेशी हुकूमत के अत्याचारों के ख़िलाफ़ जंग शुरू किया था, तब उनकी उम्र केवल 24-25 साल थी। 27 साल की छोटी उम्र में वे इस भारत माता के लिए शहीद हो गए। रम्पा क्रांति में भाग लेने वाले भी कितने ही नौजवानों ने ऐसे ही आयु में देश की आज़ादी की लड़ाई लड़ी थी। हम सब को नमन करते हैं और हमसे जितना अधिक हो सकेगा गरीब आदिवासियों सहित पुरे देश के नागरिकों के उत्थान का अकरी करते रहेंगें।