Atal Pension Yojana

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    नागपुर. जूनियर कॉलेज में गैर आर्थिक वर्ग के पूर्णकालीन पद पर 1 नवंबर 2005 के पहले से कार्यरत होने के बावजूद पुरानी पेंशन के लाभ से वंचित रखे जाने के खिलाफ 20 से अधिक शिक्षकों की ओर से हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया. याचिका पर हुई लंबी सुनवाई के बाद न्यायाधीश अतुल चांदूरकर और न्यायाधीश उर्मिला जोशी ने सभी शिक्षकों को 22 अगस्त 2022 को शिक्षा उप संचालक के समक्ष उपस्थित रहने के आदेश दिए. साथ ही यदि शिक्षक पुरानी पेंशन योजना के हकदार पाए जाते हैं तो संबंधित शिक्षकों की योग्यता के आधार पर उनके नाम से 4 सप्ताह के भीतर जीपीएफ खाते खोलने के आदेश भी शिक्षा उप संचालक को दिए. याचिकाकर्ताओं की ओर से अधि. एजी आम्बेटकर और सरकार की ओर से मुख्य सरकारी वकील केतकी जोशी ने पैरवी की.

    याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधि. आम्बेटकर ने कहा कि शुरुआत में सभी याचिकाकर्ता गैर आर्थिक मदद वाले पद पर कार्य कर रहे थे किंतु बाद में पूर्णकालिक शिक्षक के रूप में आर्थिक मदद वाले पदों पर नियुक्तियां प्रस्थापित हो गईं जिससे उन्हें पुरानी पेंशन योजना के अंतर्गत लेना चाहिए. इसी तरह की एक याचिका में हाई कोर्ट की प्रधान न्यायपीठ की ओर से 1 अक्टूबर 2021 को एक याचिका पर फैसला दिया गया है. इसी तरह अन्य याचिका में 11 अप्रैल 2022 को भी एक फैसला सुनाया गया है. तमाम मुद्दों पर सुनवाई के बाद अदालत ने उक्त आदेश जारी किया.

    प्रत्येक याचिकाकर्ता के मामले पर करें विचार

    दोनों पक्षों की ओर से रखी गई दलीलों के बाद अदालत ने आदेशों में कहा कि प्रत्येक याचिकाकर्ता की याचिका पर उचित निर्णय लेने के लिए शिक्षा उप संचालक के पास मामले भेजे जा रहे हैं. प्रत्येक मामले पर विचार कर तथा छानबीन करने तथा वास्तविकता का परीक्षण करने के बाद पुरानी पेंशन योजना लागू करने के संदर्भ में निर्णय लिया जाना चाहिए. विभिन्न याचिकाओं पर हाई कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले के अनुसार जीपीएफ खाते खोले जाने चाहिए. सभी याचिकाओं पर विचार करने के बाद पुरानी पेंशन योजना के लिए उचित आदेश जारी करने के आदेश शिक्षा उप संचालक को दिए. साथ ही पुरानी पेंशन योजना लागू करते समय याचिकाकर्ता के खातों से निधि नहीं काटी जानी चाहिए.