Devendra Fadnavis
PIC (Twitter)

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    मुंबई: राज्यसभा और विधान परिषद के चुनावों अहम भूमिका निभाने वाले राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) का पार्टी में राजनीतिक कद बढ़ा है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) को जहां पार्टी की संसदीय बोर्ड से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है, वहीं फडणवीस को पार्टी की  केंद्रीय चुनाव समिति का सदस्य बनाया गया है। इस समिति में किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री को शामिल नहीं किया गया है।

    राज्यसभा और विधान परिषद के चुनाव में बीजेपी के पास पर्याप्त संख्या नहीं होने के बावजूद देवेंद्र फडणवीस ने पार्टी के अधिकृत उम्मीदवारों को जिताने के लिए चाणक्य की भूमिका निभाई थी। यही नहीं शिवसेना में अब तक की सबसे बड़ी बगावत में देवेंद्र फडणवीस की महत्वपूर्ण भूमिका थी। पांच वर्षों तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे फडणवीस को जब उपमुख्यमंत्री का शपथ दिलायी गयी थी, तब बहुतों को झटका लगा था। तब यह कहा गया था कि केंद्रीय नेतृत्व ने उनका कद घटाया गया है, लेकिन अब फडणवीस को केंद्रीय चुनाव समिति में शामिल कर उनके संगठन कौशल का  सम्मान किया गया है। 15 सदस्यों वाली चुनाव समिति में भी किसी मुख्यमंत्री को शामिल नहीं किया गया है। उपमुख्यमंत्री फडणवीस उसमें शामिल करके केंद्रीय संगठन में उनकी भूमिका बढ़ाई गई है। 

    केंद्रीय चुनाव समिति में इन्हें किया गया शामिल

    बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा  के नेतृत्ववाली केंद्रीय चुनाव समिति में नड्डा के अलावा  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह, सर्बानंद सोनोवाल,  पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा, के लक्ष्मण, इकबाल सिंह लालपुरा, सुधा यादव, सत्यनारायण जटिया, भूपेंद्र यादव, देवेंद्र फडणवीस, ओम माथुर, बीएल संतोष, वनथी श्रीनिवास को शामिल किया गया है। 

    बीएल संतोष को दी गई बड़ी जिम्मेदारी

    भाजपा के संसदीय बोर्ड से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बाहर कर दिया गया है। संसदीय बोर्ड में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के अलावा प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह, अमित शाह, बीएस येदयुरप्पा, सर्बानंद सोनोवाल, के लक्ष्मण, इकबाल सिंह लालपुरा, सुधा यादव, सत्यनारायण जटिया, बी एल संतोष को शामिल किया गया है। बीएल संतोष को संसदीय बोर्ड का सचिव बनाकर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है। वो कई साल से उत्तर प्रदेश के प्रभारी थे।