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    नई दिल्ली. आज वरिष्ठ और लोकप्रिय नेता गुलाम नबी आजाद (Gulam Nabi Azad) के इस्तीफे के बाद कांग्रेस (Congress) ने प्रेस कॉन्फेंस (Press Conference) करते हुए कहा कि, उनका पार्टी छोड़ना बहुत दुख की बात है। आज इस बाबत कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा कि, “हमने (गुलाम नबी) आजाद साहब का (इस्तीफे का) पत्र देखा। दुख की बात है कि उन्होंने ऐसे समय में कांग्रेस छोड़ने का फैसला किया जब कांग्रेस देश भर में बढ़ती महंगाई, बेरोज़गारी, ध्रुवीकरण की लड़ाई लड़ने जा रही है।दुख की बात है कि वे इस लड़ाई में वे अब हिस्सा नहीं बन रहे हैं।”

    इसके साथ ही पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि, त्यागपत्र में कही गई बातें तथ्यपरक नहीं हैं, इसका समय भी ठीक नहीं है। वहीं आज़ाद के इस्तीफे पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि, इंदिरा गांधी जी के वक्त से ये (गुलाम नबी आज़ाद) इनर कैबिनेट के मेम्बर थे। आज भी सोनिया गांधी के बहुत करीब थे। बड़ा अफसोस है मुझे कि ऐसा क्या हो गया कि इन्हें इतना बड़ा फैसला लेना पड़ा।

    गौरतलब है कि, गुलाम नबी आजाद ने आज यानी शुक्रवार को पार्टी के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। अपने आज गुलाम नबी आजाद ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में कहा कि, “वह बहुत भारी मन से ऐसा कर रहे हैं। AICC को संचालित कर रहे कुछ लोगों द्वारा नियंत्रित कांग्रेस ने इच्छाशक्ति और क्षमता खो दी है।” 

    उन्होंने कहा कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से पहले ‘कांग्रेस जोड़ो यात्रा’ निकाली जानी चाहिए थी।आजाद ने कहा कि पार्टी में किसी भी स्तर पर चुनाव संपन्न नहीं हुए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि कांग्रेस लड़ने की अपनी इच्छाशक्ति और क्षमता खो चुकी है। आजाद पार्टी के ‘जी23′ समूह के प्रमुख सदस्य रहे हैं। हाल ही में उन्होंने जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के चुनाव अभियान समिति के प्रमुख पद से भी इस्तीफा दे दिया था।