40 बंदरों का अपहरण, वन विभाग को खबर नहीं

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    • ग्राम कार्ला में सामने आया मामला

    अकोला. पातुर तहसील के आलेगांव वन परिक्षेत्र के अंतर्गत वन विभाग की नाक के नीचे औरंगाबाद जिले के सिल्लोड से कुछ लोगों ने 40 बंदरों का अपहरण कर लिया. इस मामले के उजागर होने के बाद पातुर तहसील में हड़कंप मच गया. जानकारी के अनुसार इस संबंध में वन विभाग को पूरी तरह अंधेरे में रखा गया और बंदरों को पिंजरों में बंद कर दिया गया. अब वन विभाग द्वारा मामले में क्या कार्रवाई की जाती है इस ओर सभी की नजरे लगी हुई हैं.

    पातुर तहसील के कार्ला गांव में 50, 60 बंदर कई सालों से रह रहे हैं. जैसे ही गांव के लोग बंदरों से पीड़ित होने लगे, कुछ नेताओं ने 40-50 हजार रुपये एकत्र किए और औरंगाबाद के सिल्लोड के लोगों को बंदरों को पकड़ने और ले जाने के लिए बुलाया. वे करीब 40 बंदरों को पिंजड़े में कैद कर ले गए और वन विभाग को इसकी भनक तक नहीं लगी. न ही किसी ग्रामवासी ने इसकी सूचना वन विभाग को दी. वन अधिनियम के अनुसार, जंगली जानवरों को कोई भी व्यक्ति कुछ खिला नहीं सकता है. साथ ही बिना अनुमति के जानवरों को पकड़ा भी नहीं जा सकता है. लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया.

    बेसहारा हुए कई बच्चें

    बंदरों के पकड़े जाने के बाद गांव में उनके बच्चे अपनी मां को पुकार रहे थे. उनकी हरकतें दर्दनाक थीं. ऐसा महसूस किया गया कि बंदरों के बच्चों ने तरह-तरह की आवाजें निकालकर दर्द जाहिर किया. गांव में हालात ऐसे थे कि इंसान का दिल कांप उठे. बदरों के नन्हे-मुन्ने बच्चे अपनी मां की तलाश में इधर-उधर कूद रहे थे.

    दोषियों के खिलाफ होगी कानूनी कार्रवाई

    बंदरों को पकड़ने की अनुमति नहीं ली गई है. इस घटना की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. बंदरों को पकड़ने से पहले बीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ वार्ड की अनुमति लेनी होती है. इसके बिना इसे कोई नहीं पकड़ सकता. यह घटना गंभीर है.

    -धीरज मदने (वन परिक्षेत्र अधिकारी-पातुर)

    गंभीरता से जांच शुरू

    उक्त मामले की कोई जानकारी प्राप्त नहीं हुई थी. बंदरों को पकड़ने की कोई अनुमति नहीं दी गयी है. उक्त घटना की गंभीरता से जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.

    विश्वनाथ चव्हाण (वन परिक्षेत्र अधिकारी-आलेगांव)

    इस तरह बंदरों को पकड़ना गलत

    बंदर ग्रामीणों को काफी परेशान कर रहे थे. इसलिए ग्रामीण परेशान थे. अत: चालीस बंदरों को पकड़ कर ले जाया गया. लेकिन इस तरह से बंदरों को पकड़ना गलत है.

    सोमनाथ बोबड़े (ग्रामवासी- कार्ला)