Maharashtra Assembly Session devendra-fadnavis-slams-ajit-pawar-in-maharashtra-assembly-winter-session

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    नागपुर. विप सदस्य शशिकांत शिंदे ने मौजूदा सरकार पर आरोप लगाया कि आपके सत्ता में आते ही महाराष्ट्र को तोड़ने का प्रयास शुरू हो गया. उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे व अजीत पवार थे तब तक ऐसा नहीं हुआ. महापुरुषों का अपमान भी किया जाने लगा. उद्योग बाहर जाने लगे. वे अंतिम सप्ताह प्रस्ताव पर बोल रहे थे. चर्चा में सदन के सदस्यों ने अपने विचार रखें.

    चंद्रशेखर बावनकुले ने तत्कालीन मविआ सरकार हमला करते हुए कहा कि विपक्ष नेता अंबादास दानवे का भाषण उनकी पिछली सरकार पर सही बैठता है. ढाई वर्षों में कृषि मंत्री, पालक मंत्रियों और सीएम तक ने खरीफ की बैठक तक नहीं ली. आज सीएम-डीसीएम खुद समीक्षा बैठक लेते हैं तभी आमजनता व किसानों को न्याय दे पाते हैं. विपक्ष को आत्मचिंतन करना चाहिए.

    उन्होंने विदर्भ में 2,000 करोड़ की रेती रायल्टी चोरी पर कहा कि तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख भी उसे रोक नहीं पाये. कर्मचारियों व शिक्षकों को दिवाली के दिन भी आजाद मैदान में आंदोलन करने को मजबूर होना पड़ा लेकिन आपने न्याय नहीं दिया था. शिंदे-फडणवीस सरकार ने आते ही 1,100 करोड़ रुपये दिया. ओबीसी को राजनीतिक आरक्षण दिलाया. विदर्भ व मराठवाड़ा वैधानिक महामंडल को पुनर्जीवित किया. 

    थाने के भीतर गोलीबारी

    विपक्षी सदस्य अनिल परब ने राज्य की कानून व्यवस्था पर सरकार को घेरते हुए कहा कि थाने के भीतर गोलीबारी की गई. मंत्री द्वारा मारपीट का वीडिया वायरल हो रहा उन पर मामला दर्ज नहीं किया लेकिन विपक्ष के नितिन देशमुख पर तत्काल केस दर्ज कर लिया. राज्य में लूटमारी, अवैध उत्खनन जारी है. सरकार को जवाब देना पड़ेगा. सत्तापक्ष के प्रवीण दरेकर ने पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष को कहने का अधिकार है लेकिन जब मविआ सरकार थी तह बेधुंद कारभार किया गया. केतकी चितले पर कैसे कार्रवाई की.

    बीकेसी के म्हाडा की जमीन का टेंडर रद्द कर 1,800 करोड़ की जमीन एक बिल्डर को दे दी. संभाजीनगर चिखल थाना में 3,100 करोड़ रुपये की जमीन रेसिडेंशियल में कन्वर्ट कर 168.24 करोड़ दे दिया. इन घोटालों का पैसा तत्कालीन मंत्री की जेब में गया. उसकी एसआईटी जांच होनी चाहिए. नरेन्द्र दराडे, प्रज्ञा सातव, शेकाप के जयंत पाटिल, अभिजीत वंजारी, महादेव जानकर, अमोल मिटकरी, सचिन अहिर, प्रसाद लाड सहित अन्य सदस्यों ने भी अपनी बात सदन में रखी.