मुंबई: मुंबई-नागपुर समृद्धि मार्ग (Mumbai-Nagpur Samridhi Marg) की तरह मुंबई से गोवा (Mumbai to Goa) के लिए ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे (Green Field Expressway) बनाने की योजना राज्य सरकार ने बनाई है। इस बहुउद्देशीय प्रोजेक्ट पर जल्द काम शुरू किए जाने का निर्णय मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde) ने लिया है। उल्लेखनीय है कि मुंबई-गोवा हाइवे पर बढ़ते वाहनों की संख्या और मार्ग की दुर्दशा को देखते हुए समुद्री किनारे से नए एक्सप्रेस-वे बनाने की आवश्यकता को देखते हुए राज्य सरकार इस पर कार्य कर रही है।
उल्लेखनीय है कि मुंबई और गोवा के बीच 590 किलोमीटर की दूरी को कवर करने में इस समय 12 से 13 घंटे लगते हैं। कोंकण के समुद्री तट से बनने वाला चार-लेन कोस्टल ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे से सात से आठ घंटे में पहुंचा जा सकेगा। यह एक्सप्रेस-वे कोंकण के तीन जिलों रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधूदुर्ग के समुद्री किनारे से होकर जाएगा। कोंकण क्षेत्र में सिंधुदुर्ग के लिए कोस्टल रोड पहले से ही है,जो कम चौड़ी है। एमएसआरडीसी के माध्यम से इस सड़क को भी चौड़ा किए जाने का प्लान है।
समृद्धि की तर्ज पर विकास
समृद्धि कॉरिडोर की तर्ज पर ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे को विकसित किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि इसके पहले ही केंद्र सरकार मुंबई और कन्याकुमारी के बीच 1,622 किलोमीटर लंबे आर्थिक कॉरिडोर के हिस्से के रूप में मुंबई-गोवा राजमार्ग को चार लेन में विकसित कर रही है। यह राजमार्ग दिसंबर 2023 तक पूरा हो जाएगा।
पर्यटन को बढ़ावा
तेज यातायात संसाधन के साथ कोंकण में पर्यटन को बढ़ावा डाई जाने की दृष्टी से कोस्टल एक्सप्रेस-वे बनाने की योजना सरकार ने बनाई है। कोंकण को महाराष्ट्र का कैलीफोर्निया कहा जाता है। यहां अत्यधिक हरियाली और 500 किमी से ज्यादा समुद्री किनारा है। ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण होने से तटीय कोंकण क्षेत्र के पिछड़े क्षेत्रों के विकास के साथ मुंबई से गोवा जाने वाले पर्यटकों के लिए नए द्वारा खुलेंगे। इन क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
मुंबई-गोवा हाइवे पर भार
मुंबई से कोंकण और गोवा जाने वाली अत्यधिक भीड़ को देखते हुए मुंबई-गोवा हाइवे को 12 साल पहले ही मंजूरी दी गई थी। इस महामार्ग की दुर्दशा को लेकर अनेक आंदोलन भी हुए। पनवेल के पास पलासपे से इंदापुर तक चार लेन की सड़क का निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा किया जा रहा है। इस हाईवे का वास्तविक कार्य 2017 में 80 प्रतिशत भूमि अधिग्रहण के बाद शुरू हुआ था। इस कार्य को शीघ्र पूर्ण करने की दृष्टि से ठेकेदारों को 10 तालुका वार पॅकेज में बांट कर कार्य प्रारंभ किया गया। सभी पैकेजों में काम चल रहा है। इंदापुर से जराप तक 355 किमी में से 243 किमी का काम पूरा हो चुका है। शेष कार्य दिसम्बर, 2023 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।