वर्धा. विविध मांगों को लेकर सीटू की अगुवाई में आज आंगनवाड़ी कर्मचारी संगठन ने जिला परिषद के सामने धरना दिया़ एबाविसे योजना अंतर्गत आंगनवाड़ी सेविका, मिनी आंगनवाड़ी सेविका व सहायिका के रिक्त पद भरने मंजूरी देने संबंध में 17 जनवरी 2020 को सरकारी आदेश जारी हुआ था.
इसके अनुसार नंदुरबार, गड़चिरोली, उम्समानाबाद, वाशिम, गोंदिया, चंद्रपुर, पालघर, अमरावती जिले के मेलघाट, धारनी, चिखलदरा आदि जगहों पर रिक्त पद 1 नवम्बर 2018 से भरने को मंजूरी मिली थी़ जबकि शेष क्षेत्र में रिक्त पद 50 प्रश तक भरने को मंजूरी दी थी़ 30 जनवरी 2020 के आयुक्त के परिपत्रक अनुसार 50 प्रश पद भरने की सूचना थी.
13 अगस्त 2014 के निर्णय नुसार सहायीका को दसवीं पास व दो वर्ष का अनुभव इस निष पर सिधे नियुक्ती दी गई़ शेष 50 प्रश पद सरकार ने उस समय नहीं भरे थे़ परंतु 2 फरवरी 2023 के निर्णयानुसार आंगनवाड़ी सहायिका को सीधे नियुक्ति के लिये शैक्षणिक अर्हता 12वीं उत्तीर्ण की गई़ परिणामवश कई वर्षों से सेविका पद पर सीधे नियुक्ति की राह देखनेवाली सहायिका पर यह अन्याय हुआ है.
मांगों पर विचार करे सरकार
सरकार गंभीरता से विचार करे सहित अन्य मांगों को लेकर आंगनवाड़ी सेविका व सहायिकाओं ने जिप के समक्ष धरना आंदोलन किया़ आंदोलन में सीटी के जिला सचिव भैयाजी देशकर, जिला अध्यक्ष अर्चना मोकाशी, सचिव गुंफा कटारे, उपाध्यक्ष रंजना सावरकर, संगीता कोहले, वैशाली लक्ष्णमकर, उज्ज्वला मोरे, वैशाली खंडार, विना कुरसंगे, ललीता पुणेनवार, ज्योती ताकसांडे, सुनीता बाकरे, निर्मला मन्ने, भुमिता काले, वैशाली जाधव, ज्योति नखाते, कल्पना चहांदे, कोकिला सहारे, वर्षा दंडारे, आम्रपाली डंभारे, अर्चना मेश्राम, मंदा गरड, संगीता धुर्वे, वैशाली मडावी, भारती महाजन, सुनिता पाटील, संजय भगत, श्याम भेंडे, चुडामन घवघवे सहित बड़ी संख्या में महिला कर्मियों ने हिस्सा लिया था.