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नागपुर. हाल में जारी की गई टेंडर प्रक्रिया को रद्द नहीं करने का आदेश होने के बावजूद जिला परिषद की ओर से उसे रद्द कर दिया गया. अब टेंडर रद्द करने का आदेश देने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग विरोधी दल ने की है. 30-54 अंतर्गत सड़कों के निर्माण के लिए टेंडर निकाले गए थे. टेंडर की टेक्निकल बीड भी खोली गई. केवल वित्तीय बोली होना बाकी थी. ऐसे में जिला परिषद की अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी वर्षा गौरकर ने इन सभी टेंडर को रद्द कर नई प्रक्रिया करने के आदेश दिए.

विशेषत: इन सभी कामों को सोसाइटी के माध्यम से किया जा रहा था. इसी बीच एक ठेकेदार की याचिका पर जिला परिषद को न्यायालय की अवमानना होने का नोटिस प्राप्त हुआ. इसे लेकर गुरुवार को हुई स्थायी समिति की बैठक में इस मुद्दे को लेकर जमकर हंगामा हुआ.

सलाहकार का सुझाव लेने के बाद अंतिम निर्णय

गुरुवार को हुई स्थायी समिति की बैठक में विरोधी पक्ष नेता आतिश उमरे और नाना कंभाले ने इस मुद्दे को लेकर प्रशासन से जवाब तलब किया. उन्होंने कहा कि जब अदालत ने टेंडर रद्द नहीं करने के आदेश दिए थे तो प्रशासन ने टेंडर रद्द करने की प्रक्रिया क्यों आगे बढ़ाई. विरोधी दल के आक्रामक रुख को देखते हुए हड़बड़ाए प्रशासन की ओर से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल पाया.

इस संदर्भ में मुख्य कार्यकारी अधिकारी सौम्या शर्मा ने कहा कि विधि सलाहकार का सुझाव लेने के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा. उमरे ने कहा कि यह मुद्दा जिला परिषद के लिए काफी जटिल होने जा रहा है. जिस अधिकारी ने टेंडर रद्द करने के आदेश दिए उन्होंने उसके खिलाफ कार्रवाई की मांग की.