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नयी दिल्ली. केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा बीते वित्त वर्ष 2022-23 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 6.4 प्रतिशत रहा। यह वित्त मंत्रालय के संशोधित अनुमान के अनुरूप है। बुधवार को जारी सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली। लेखा महानियंत्रक (सीजीए) ने केंद्र सरकार के 2022-23 के राजस्व-व्यय का आंकड़ा जारी करते हुए कहा कि मूल्य के हिसाब से राजकोषीय घाटा 17,33,131 करोड़ रुपये (अस्थायी) रहा है। यह बजट के संशोधित अनुमान से कुछ कम है।

सरकार अपने राजकोषीय घाटे को पाटने के लिए बाजार से कर्ज लेती है। सीजीए ने कहा कि सरकार की प्राप्तियां 2022-23 में 24.56 लाख करोड़ रुपये रहीं। यह 2022-23 के लिए कुल प्राप्तियों के संशोधित अनुमान का 101 प्रतिशत है। इसमें 20.97 लाख करोड़ रुपये का कर राजस्व, 2.86 लाख करोड़ रुपये कर गैर-कर राजस्व और 72,187 करोड़ रुपये की गैर-ऋण पूंजी प्राप्तियां हैं।

गैर-ऋण पूंजी प्राप्तियों में कर्ज की वसूली और विभिन्न पूंजी प्राप्ति शामिल है। केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को कर में उनके हिस्से के रूप में करीब 9.48 लाख करोड़ रुपये स्थानांतरित किए हैं। यह 2021-22 की तुलना में 50,015 करोड़ रुपये अधिक है। सीजीए के आंकड़ों से पता चलता है कि केंद्र का कुल खर्च 41.89 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो 2022-23 के लिए संशोधित अनुमान का 100 प्रतिशत है।

इसमें 34.52 लाख करोड़ रुपये राजस्व खाते का और 7.36 लाख करोड़ रुपये पूंजी खाते का है। कुल राजस्व खर्च में 9.28 लाख करोड़ रुपये ब्याज भुगतान पर और 5.31 लाख करोड़ रुपये प्रमुख सब्सिडी पर खर्च हुए हैं। सीजीए ने कहा कि राजस्व घाटा जीडीपी का 3.9 प्रतिशत रहा है। वहीं प्रभावी राजस्व घाटा जीडीपी का 2.8 प्रतिशत रहा है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को पेश आम बजट में 2023-24 में राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 5.9 प्रतिशत पर सीमित करने का लक्ष्य रखा है। इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि सरकार बीते वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे को 17.3 लाख करोड़ रुपये पर सीमित रखने में सफल रही है। यह 2022-23 के संशोधित अनुमान से कुछ कम है।

उन्होंने कहा कि बीते वित्त वर्ष में सरकार का शुद्ध कर राजस्व 15.2 प्रतिशत बढ़ा है जबकि गैर-कर राजस्व 17.8 प्रतिशत घटा है। राजस्व खर्च में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जबकि पूंजी व्यय में 24.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

इस बीच, सीजीए के एक अन्य आंकड़े से पता चलता है कि चालू वित्त वर्ष के पहले महीने में राजकोषीय घाटा बजट अनुमान का 7.5 प्रतिशत रहा है। यह अप्रैल, 2022 के 4.5 प्रतिशत से अधिक है। मूल्य के हिसाब से यह 1.33 लाख करोड़ रुपये बैठता है। (एजेंसी)