अमरावती. जिले में बीज अंकुरीत नहीं होने की सैकडों शिकायतें प्रशासन के पास पहुंची है. जिसके चलते संबधित कंपनी व वक्रिेताओं पर फौजदारी कारवाई की मांग जोर पकड रही है. लेकिन कृषि केंद्र चालकों ने सरकारी विभागों द्वारा प्रमाणित उत्पादक कंपनियों से बीज, खाद कीटनाशक आदि खरीदी कर किसानों को बेचे है. यदि बीज घटिया दर्जे के होंगे तो बीज प्रमाणिकरण करनेवाली सरकारी यंत्रणा पर कार्रवाई करने की मांग अमरावती जिला कृषि साहत्यि वक्रिेता सेवा संघ द्वारा की गई है. इस सर्ग्भ में विधायक रवि राणा को निवेदन दिया गया है.
सीलबंद बीजों की वक्रिी
राज्य में सभी प्रकार के बीज कृषि विभाग द्वारा मान्यता प्राप्त उत्पादक कंपनियों द्वारा राज्य के सभी वक्रिेता खरीदते है. आयुक्तालय, पुणे द्वारा मान्य किए उत्पादक कंपनियों से खरीदी किए बीज अत्यल्प प्रॉफीट पर किसानों को बेचा जाता है. कंपिनयों से वक्रिी के लिए प्राप्त बीज गुणवत्ता को लेकर कृषि विभाग के विशेषज्ञ अधिकारियों द्वारा पडताल के बाद ही वक्रिेताओं को मुहैया कराए जाते है. कंपनियों द्वारा कृषि विभाग के प्रमाणिकरण के बाद ही सीलबंद पैकींग में वक्रिताओं को आपूर्ति की जाती है. इस वजह से बीज अंकुरीत ना होने के लिए वक्रिेताओं को जम्मिेदार ठहराकर उन पर अपराध दर्ज करना अन्यायकारक होने की बात संगठन ने निवेदन में कही है.
अनेक वजह
अंकुरण ना होने के लिए कई वजह हो सकती है. कृषि विभाग ने 100 मिलीमीटर बारिश होने तक बुआई नहीं करने का आव्हान किया था, लेकिन इसके बावजूद किसानों ने बुआई की. इस वजह से जमिन की गर्मी बढने से बीज खराब होने की संभावना है. कुछ जगह ट्रैक्टर से बुआयी की गई. ट्रैक्टर से की गई बुआई गहरी होती है, जिससे अंकुरण होने में समय लगता है. इस प्रकार अनेक परस्थितिियां अंकुरण पर असर करती है. इसके बावजूद बीज कंपनियों के खिलाफ गवाही देने के लिए तैयार होने की बात संगठन के पदाधिकारियों ने कहीं है. निवेदन देते समय अध्यक्ष विलास इंगोले, सचिव निलेश गांधी समेत बडी संख्या में पदाधिकारी उपस्थित थे.