Anil Deshmukh

  • आदर्श आचार संहिता भंग करने का मामला

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अमरावती. लोकसभा चुनाव के दौरान कलेक्टर आफिस में चुनावी नामांकन भरने 5 से अधिक लोगों की भीड़ इकठ्ठाकर आदर्श आचार संहिता भंग करने के आरोप से गृहमंत्री अनिल देशमुख, सांसद नवनीत राणा, पूर्व विधायक राजेंद्र शेखावत, हर्षवर्धन देशमुख, पुष्पा बोंडे, राजेद्र गवई समेत 17 लोगों को प्रथम श्रेणी न्यायदंडाधिकारी एस.ए.देशपांडे की अदालत ने बाइज्जत बरी कर दिया है. इस प्रकरण में सभी पक्षकारों की ओर से एड.दीप मिश्रा ने सफल पैरवी की है.

कलेक्ट्रेट में जमा भीड़ से उल्लंघन

26 मार्च 2019 को लोस चुनाव के दौरान वर्तमान सांसद नवनीत राणा का नामांकन भरने के लिए जिलाधिकारी कार्यालय पर गृहमंत्री अनिल देशमुख समेत 50 से 75 लोग शामिल हुए थे, जबकि आदर्श आचार संहिता में धारा 144 लागू होने से कलेक्टर आफिस से 200 मीटर यार्ड में सिर्फ 5 लोगों की अनुमति थी. इस प्रकरण में जिलाधिकारी नियंत्रण कक्ष के पथक प्रमुख जितेंद्र देशमुख की रिपोर्ट पर गाड़गे नगर थाने में गृहमंत्री अनिल देशमुख, सांसद नवनीत राणा, पूर्व विधायक राजेंद्र शेखावत,  हर्षवर्धन देशमुख, पुष्पा बोंडे, डा.राजेद्र गवई, संगीता ठाकरे, गणेश खारकर, सुनील वर्हाडे, गणेश राय, रामेश्वर अभ्यंकर, बाबा राठौड़, अभिनंदन पेंढारी,  जीतु दुधाने, ज्योती सैरीसे,  प्रशांत कांबले, रशीद खांं समेत 17 लोगों के खिलाफ धारा 188 के तहत आदर्श आचार संहिता भंग करने का मामला दर्ज किया था.

चार्जशीट को किया निरस्त

इसी प्रकरण में कोर्ट के समक्ष सभी पक्षकारों की ओर से एड.दिप मिश्रा ने दलील पेश की कि चुनावी पथक प्रमुख ने पुलिस थाने की बजाए कोर्ट में शिकायत करनी चाहिए थी. लेकिन कोर्ट में कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई, जबकि पुलिस में केस दर्ज करने का कोई अधिकार नहीं है. इसीलिए इस प्रकरण की चार्जशीट भी वैध नहीं है, चार्जशीट अवैध होने से उसे निरस्त करें. कोर्ट ने दोनों पक्ष की दलीलें सुनने के बाद सभी को बाइज्जत बरी करने के आदेश दिये.