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भंडारा. धान उत्पादक किसानों को पिछले वर्ष की तरह ही इस बार भी प्रति क्विंटल धान पर 700 रूपए बोनस के रूप में दिया जाएगा, ऐसे संकेत राज्यसभा सांसद प्रफुल्ल पटेल ने दिए हैं. पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी राज्य सरकार की ओर से धान उत्पादक किसानों को बोनस देने के लिए प्रयास शुरु कर गए हैं. भंडारा-गोंदिया जिलों के साथ-साथ पूर्व विदर्भ के धान उत्पादक किसानों को लाभ मिलेगा. इस वजह से किसानों के चेहरे पर आनंद की लहर दौड़ पड़ी है.

पूर्व विदर्भ में सबसे ज्यादा धान की फसल की पैदावार होती है. उनमें भी भंडारा-गोंदिया इन दोनों जिलों में धान उत्पादक किसानों का योगदान सबसे ज्यादा होता है. धान की फसल पर ही भंडारा-गोंदिया इन दोनों जिलों की अर्थव्यवस्था टिकी हुई है. किसानों को उत्पादन खर्च की तुलना में धान का समर्थन मूल्य मिले, इसके लिए सांसद प्रफुल्ल पटेल ने सक्रियता दिखायी है.

इसी तरह मध्यप्रदेश तथा छत्तीसगढ़ राज्यों की तर्ज पर धान को प्रति क्विंटल 2500 रूपए दिलाने की घोषणा पिछले वर्ष विधानसभा चुनाव में राकांपा के अध्यक्ष शरद पवार की उपस्थिति में की गई थी. उसके बाद राज्य की महाविकास आघाड़ी की सरकार के सत्तारूढ़ होने के बाद धान को 700 रूपए बोनस देते की घोषणा की गई, इसकी वजह से पिछली बार की खरीफ की फसल में सरकारी धान खरीदी केंद्र पर धान की बिक्री करने वाले किसानों को पिछली बार प्रति क्विंटल 2500 रूपए समर्थन मूल्य दिया गया. लेकिन इस बार सभी तरफ कोरोना का प्रादुर्भाव होने के कारण सरकार की तिजोरी खाली है.

धान पर बोनस जारी करने के कारण सरकार पर 1400 करोड़ रूपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा, इस वजह से इस बार सरकारी धान खरीदी केंद्रों पर धान की बिक्री करने वालों को बोनस मिलेगा या नहीं, इसे लेकर चर्चाएं शुरु हो गई थीं. लेकिन 15 दिन पहले राज्यसभा सांसद प्रफुल्ल पटेल ने पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी धान को प्रति क्विंटल 700 रूपए बोनस देने की बात कही थी.

इसी विषय पर उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उप मुख्यमंत्री अजित पवार, अन्न तथा नागरी आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल से चर्चा की भी थी. उसके बाद अब धान को बोनस देने की दृष्टि से कोशिशें शुरु की दी गई हैं, इस वजह से धान उत्पादक किसानों की आशाएं प्रल्लवित हो गई हैं.