नई दिल्ली: हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपनी भागीदारी को ‘गंभीर और दीर्घकालिक’ बनाने के लिए जर्मनी (Germany) ने भारत में बड़ी संख्या में सैन्य बल (Military Force) की तैनाती की योजना बनाई है, जैसा अब तक पहले कभी नहीं हुआ है। यहां जर्मनी के दूतावास (Embassy of Germany) के प्रवक्ता सेबेस्टियन फुक्स (Sebastian Fuchs) ने कहा, ”इसलिए इस वर्ष हमने हमारे भारतीय साझेदारों के साथ मिलकर एक ऐसी योजना बनाई है, जो अतीत में जर्मनी के वायु सेना बल ने कभी नहीं बनाई।
जर्मनी की वायु सेना भारत में जेट भेजेगी लेकिन सिर्फ अपने नहीं। हम कभी अकेले कुछ नहीं करते। हम फ्रांस, स्पेन और ब्रिटेन के साथ मिलकर ऐसा करेंगे।” भारतीय वायु सेना (आईएएफ) अगस्त में दक्षिण भारत में व्यापक बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास का आयोजन करेगा। जर्मनी इस अभ्यास के लिए लड़ाकू विमान, टैंकर और परिवहन विमानों सहित सैन्य विमानों की एक टुकड़ी भेजेगा।
VIDEO | Here’s what German Embassy spokesperson Sebastian Fuchs said on the launch of German-Indian Green and Sustainable Development Partnership (GSDP) logo.
“We launched the logo today. This partnership is pretty unique; it was launched by PM Modi and (German) Chancellor… pic.twitter.com/WPRAV9nPDQ
— Press Trust of India (@PTI_News) March 6, 2024
इसके बाद अक्टूबर में एक जर्मन नौसैनिक युद्धपोत और एक लड़ाकू सहायता जहाज गोवा पहुंचेगा। हाल के वर्षों में जर्मनी द्वारा यह भारत में दूसरी बड़ी नौसैनिक तैनाती है। फुक्स ने कहा, ”हमारे पास एक युद्धपोत है, जो अक्टूबर में गोवा के तट पर आ रहा है। इसके अलावा एक लड़ाकू सहायता जहाज भी होगा।” उन्होंने कहा, ”यह हिंद-प्रशांत के प्रति हमारी गंभीर व दीर्घकालिक प्रतिबद्धता और एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में हमारे रुख को रेखांकित करता है।”
हाल ही में बर्लिन में भारत-जर्मनी उच्च रक्षा समिति (एचडीसी) की बैठक के बाद यह घोषणा की गयी है। बर्लिन में दोनों पक्षों ने अपनी रक्षा साझेदारी को मजबूत करने पर चर्चा की थी। जर्मन दूतावास ने बुधवार को यहां जर्मन-इंडियन ग्रीन एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट पार्टनरशिप (जीएसडीपी) का लोगो भी लॉन्च किया था।
(एजेंसी)