बाजार में ‘मोदी मैजिक’ की धूम, 10 वर्षों में 300 ट्रिलियन रुपए का जबरदस्त फायदा

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मुंबई: भारतीय शेयर बाजार (Indian Stock Market) उतार-चढ़ाव के साथ नई ऊंचाइयों पर पहुंच रहा है। अर्थव्यवस्था का बैरोमीटर माने जाने वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) पहली बार 75,000 के आंकड़े पर पहुंचा है। यह तब है, जब कई चिंताएं भी व्याप्त हैं। मसलन कई देशों के बीच युद्ध के हालात, कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और अमेरिका में ब्याज दर कटौती की उम्मीद धूमिल पड़ना। इन सबके बावजूद शेयर बाजार में तेजी का दौर जारी है। इसकी सबसे बड़ी वजह है भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy)  की तेज रफ्तार और केंद्र में पूर्ण बहुमत की स्थिर सरकार फिर बनने की उम्मीद यानी ‘मोदी मैजिक’ (Modi Magic) की धूम है।

10 साल में 3 गुना हुआ सेंसेक्स
निवेशक (Investors) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व में फिर बहुमत वाली स्थिर व मजबूत सरकार बनने की आशा में उत्साहित हैं। और यह उत्साह यूं ही नहीं है। पिछले 10 वर्षों में मोदी सरकार के कार्यकाल में देश ने जबरदस्त आर्थिक प्रगति की है और चाइनीज वायरस की विनाशकारी महामारी के बावजूद 8 प्रतिशत से अधिक की ग्रोथ रेट के साथ भारत दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बना है। अमेरिकी बैंकों की हालत खस्ता हैं, लेकिन भारतीय बैंकिंग क्षेत्र काफी मजबूत बन गया है। डिफेंस, रेलवे, स्पेस, ग्रीन एनर्जी, इंफ्रास्ट्रक्चर सहित कई क्षेत्रों में अभूतपूर्व प्रगति हुई है। 10 साल में सेंसेक्स 25 हजार से 3 गुना की जोरदार वृद्धि के साथ 75 हजार तक पहुंचा है। बीएसई का बाजार पूंजीकरण (Market Capitalisation) पहली बार 400 ट्रिलियन रुपए के पार हुआ है। 10 वर्षों में भारतीय बाजार में निवेशकों की वेल्थ (Wealth) में 300 ट्रिलियन रुपए का जबरदस्त इजाफा हुआ है। यानी छोटे-बड़े सभी निवेशकों को जबरदस्त फायदा हुआ है। अब निवेशकों को आशा है कि यदि केंद्र में फिर मोदी सरकार बनती है तो देश अनेक क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनेगा और प्रगति की नई बुलंदियों पर पहुंचेगा। यही कारण है कि वैश्विक चिंताओं के बावजूद शेयर बाजार नई ऊंचाइयों पर पहुंच रहा है।

नवभारत का अनुमान हो रहा सही साबित
‘नवभारत’ ने अपने 24 फरवरी 2024 के विश्लेषण ‘चुनावी रैली में बाजार पहुंचेगा नए शिखर पर’ में तेजी जारी रहने और सेंसेक्स 78,000 अंक और निफ्टी 23,000 अंत तक पहुंचने का अनुमान व्यक्त किया था, जो सही सिद्ध हो रहा है। उस समय सेंसेक्स व निफ्टी क्रमशः 72,426 एवं 22,040 अंक पर थे। लेकिन सेंसेक्स 75,124 का नया आंकड़ा छूने के बाद अब 74,245 अंक पर है और निफ्टी 22,768 अंक की रिकॉर्ड ऊंचाई छूने के बाद अब 22,519 अंक पर है। ईरान और इजरायल के बीच युद्ध के खतरे को देखते हुए सेंसेक्स में 4 से 5 प्रतिशत करेक्शन के बाद फिर तेजी की उम्मीद है।

निवेशक वर्ग भी बना बड़ा वोट बैंक: राकेश मेहता
मेहता इक्विटीज लिमिटेड (Mehta Equities Limited) के अध्यक्ष राकेश मेहता (Rakesh Mehta) का कहना है कि सरकार की पूरी कोशिश है कि शेयर बाजार में तेजी का माहौल बना रहे क्योंकि निवेशक वर्ग भी एक बड़ा वोट बैंक बन गया है। आज हर माह करीब 30 लाख नए निवेशक जुड़ रहे हैं और देश में डीमैट खातों (Demat Accounts) की संख्या 15 करोड़ के पार हो चुकी है। इसमें से सक्रिय निवेशकों की संख्या 10 करोड़ भी मानी जाए तो यह बहुत बड़ा आंकड़ा है। इन करोड़ों निवेशकों को मोदी सरकार के कार्यकाल में जबरदस्त फायदा हुआ है और तमाम निवेशक यह बात अच्छी तरह समझते हैं कि स्थिर व मजबूत सरकार बनने पर ही आर्थिक विकास तेज हो सकता है और तभी बाजार में तेजी का दौर जारी रहना संभव होगा। इसलिए ये करोड़ों निवेशक चाहेंगे कि फिर मोदी सरकार आए और सरकार की भी यही कोशिश है।

पीएम की घोषणाओं से बढ़ा उत्साह:आलोक रंजन
आईटीआई अल्टरनेट फंड मैनेजमेंट लिमिटेड (ITI Alternate Funds Managment Limited) के सीईओ आलोक रंजन (Alok Ranjan) का कहना है कि निवेशकों को पूरी उम्मीद है कि केंद्र में फिर मोदी सरकार आएगी और प्रधानमंत्री ने जो स्पष्ट तौर कहा है कि डेवलपमेंट तेज करने के लिए नई सरकार के गठन के बाद पहले 100 दिनों में एक्शन प्लान क्या रहेगा, इसकी तैयारी शुरू कर दी गयी है। साथ ही भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए क्या एजेंडा रहेगा, इस पर भी सरकार बनते ही काम शुरू हो जाएगा। पीएम की इन घोषणाओं से निवेशकों का उत्साह और बढ़ गया है। इसी कारण बाजार में तेजी जारी है और चुनाव तक तेजी का माहौल कायम रहने की उम्मीद है। हालांकि निगेटिव ग्लोबल फैक्टर्स के कारण वोलैटिलिटी यानी झटके भी लगते रहेंगे। निवेशकों के लिए 3 बड़ी चिंता है और तीनों वैश्विक है। पहली, अमेरिका में महंगाई दर नियंत्रण और ब्याज दरों में कटौती को लेकर तस्वीर स्पष्ट नहीं होना है। दूसरी चिंता, मिडिल ईस्ट में बढ़ता तनाव है और तीसरी चिंता क्रूड ऑयल कीमतों में फिर उछाल आना। लेकिन तमाम डोमेस्टिक फैक्टर काफी पॉजिटिव हैं। चौथी तिमाही के रिजल्ट अनुमान के अनुरूप अच्छे आने की उम्मीद है। म्यूचुअल फंडों में भारतीय रिटेल निवेशकों का प्रवाह मजबूत बना हुआ है। जिसके कारण विदेशी निवेशकों की सेलिंग के बावजूद म्यूचुअल फंड बाजार को लगातार अपना मजबूत समर्थन दे पा रहे हैं। ऐसी घट-बढ़ की स्थिति में रिटेल निवेशकों के लिए लार्ज कैप या फ्लेक्सी कैप फंडों में ही निवेश करना उचित होगा।