जब अमिताभ बच्चन को मौत के मुंह से निकाल लाई जया बच्चन

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मुंबई: 3 जून, 1973 को शादी के बंधन में बंधे मेगास्टार अमिताभ बच्चन और जया बच्चन आज अपनी शादी की 50वीं सालगिरह मना रहे हैं। इस मौके पर आपको बताते हैं, उस घटना के बारे में जब कुली की शूटिंग के दौरान घायल हुए अमिताभ को डॉक्टर्स ने क्लीनिकली डेड घोषित कर दिया था। लेकिन जया बच्चन ने डॉक्टर्स की इस थ्योरी को गलत साबित कर दिया।

 
 
 
 
 
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फाइट सीन में घायल हुए अमिताभ बच्चन

24 जुलाई, 1982 को फिल्म ‘कुली’ के एक सीन की बेंगलुरु में शूटिंग के दौरान एक्टर पुनीत इस्सर का घूंसा अमिताभ के मुंह पर पड़ते ही वह स्टील की टेबल पर गिरे और लुढ़कते हुए दूसरी ओर जा गिरे। कुछ देर बाद अमिताभ ने बताया कि टेबल का कोना उनके पेट में बुरी तरह चुभा है। अमिताभ ही नहीं बल्कि सभी को ये चोट मामूली लग रही थी, क्योंकि खून की एक बूंद भी नहीं निकली थी। शुरुआती जांच में कुछ नहीं निकला, लेकिन बच्चन को असहनीय दर्द हो रहा था।

डॉक्टर ने कर दिया मृत घोषित 

27 जुलाई, 1982 को डॉक्टर्स ने उनका ऑपरेशन किया तो हैरान रह गए। अमिताभ के पेट की झिल्ली और छोटी आंत फट चुकी थी। 28 जुलाई को ऑपरेशन के एक दिन बाद अमिताभ को निमोनिया भी हो गया। उनके शरीर में जहर फैलने लगा और खून पतला हो रहा था। ब्लड डेंसिटी को सुधारने के लिए बेंगलुरु में सेल्स मौजूद नहीं थे और डॉक्टरों ने उन्हें एक तरह से मेडिकली मृत घोषित कर दिया और कोशिश करना बंद कर दिया।

 
 
 
 
 
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जया बच्चन की वजह से डॉक्टरों ने की कोशिश

तभी जया चिल्लाई-‘मैंने अभी उनके पैर के अंगूठे हिलते देखे हैं, प्लीज कोशिश करते रहिए।’ डॉक्टरों ने उनके पैर की मालिश करनी शुरू की और अचानक एक चमत्कार हुआ, उनके अंदर फिर जान आ गई। 16 अगस्त को अंततः अमिताभ की सेहत में सुधार हुआ। वो खाने-पीने लगे और कुछ कदम चलने भी लगे, लगातार उनकी सेहत में सुधार होता गया। 24 सितंबर के दिन आखिरकार अमिताभ को ब्रीच कैंडी अस्पताल से छुट्टी मिल गई। इस तरह जया बच्चन, बिग बी को मौत के मुंह से वापस ले आई।