
टीवी शो 'भाभीजी घर पर हैं' में अनीता भाभी का किरदार निभाकर घर-घर में अपनी पहचान बनाने वाली एक्ट्रेस विदिशा श्रीवास्तव ने बेटे दिनों शो टीम के साथ इसके 2000 एपिसोड्स पूरे होने का जश्न मनाया।
मुंबई: टीवी शो ‘भाभीजी घर पर हैं‘ में अनीता भाभी का किरदार निभाकर घर-घर में अपनी पहचान बनाने वाली एक्ट्रेस विदिशा श्रीवास्तव ने बेटे दिनों शो टीम के साथ इसके 2000 एपिसोड्स पूरे होने का जश्न मनाया। शो पर एक मॉडर्न महिला का किरदार निभा रही विदिशा अपनी असल जिंदगी में इस बात को स्वीकारने से नहीं चूकती हैं कि गृहिणियों की जिंदगी कामकाजी महिलाओं से भी अधिक चुनौतीपूर्ण होती है। नवभारत संग अपने शो की खुशी साझा करते हुए अभिनेत्री ने कई विषयों पर खुलकर चर्चा की।
काम के साथ कमिटमेंट जरूरी
टीवी इंडस्ट्री में काम करने के अपने अनुभव पर बात करते हुए विदिशा कहती हैं, ‘टीवी एक मीडियम के रूप में काफी चैलेंजिंग जरूर है लेकिन यहां बात है कमिटमेंट की। जिस प्रकार हम शादी के बाद उसे निभाने में लगे रहते हैं उसी प्रकार टीवी इंडस्ट्री में कदम रखने पर आपको समर्पित रहना है। अगर आपको काम करना अच्छा लगता है तो आप खुश रहेंगे क्योंकि यहां आपको रोज शूट करना है। फिल्म और ओटीटी प्रोजेक्ट कुछ समय बाद पूरे हो जाते हैं लेकिन टीवी शोज निरंतर चलते रहते हैं। भाभीजी घर पर हैं की बात करूं तो हमारा ये शो इसका बड़ा उदाहरण है जिसने अपने 8 वर्ष और 2000 एपिसोड्स पूरे कर लिये हैं।’
वर्कहॉलिक हूं
विदिशा बताती हैं कि उन्हें खाली बैठना पसंद नहीं और हमेशा कुछ न कुछ करते रहने में विश्वास रखती हैं। वे कहती हैं, ‘मैं वर्कहॉलिक हूं तो मुझे काम करना पसंद है और इसलिए टीवी पर काम करना मुझे उतना ही पसंद है जितना कि फिल्मों पर। जब मुझे इतना बड़ा शो ऑफर किया गया तो मैं कॉन्फ़िडेंट थी कि मैं अनीता भाभी के किरदार में फिट हो जाऊंगी। हां मुझे उस बात की हिचकिचाहट जरूर थी कि लोग मुझे उतना प्यार देंगे और स्वीकार करेंगे कि नहीं लेकिन भाग्यशाली से दर्शकों ने मुझे तहे दिल से प्यार किया।’
हिंदी भाषी ऑडियंस में दिलाई पहचान
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आगे बात करते हुए अभिनेत्री ने बताया कि उनके लिए हिंदी भाषी प्रोजेक्ट में काम करने में बड़ी दिलचस्पी थी। उन्होंने कहा, ‘मैंने साउथ में करीब 11 फिल्में की है लेकिन मुझे लगता था कि मैं अपनी भाषा कि फिल्म में भी काम करूं। मैं बनारस से हूं तो हिंदी से भी मुझे बेहद लगाव है। मैं चाहती थी कि इस भाषा की फिल्मों में मुझे पहचान मिले। मेरे भाषी लोग मेरी साउथ की फिल्में नहीं देख पाते थे जिस कारण मुझे थोड़ा बुरा भी लगता था। जब मुझे ये शो ऑफर हुआ पहले से ही पॉपुलर था तो मैंने फौरन उसके लिए हां कह दिया।’
गृहिणियों का काम अधिक मुश्किल
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हाउसवाइफ और कामकाजी महिलाओं के बीच की जाने वाली तुलना पर प्रश्न करने पर उन्होंने कहा,’वर्किंग विमेन की तुलना में गृहिणी का काम अधिक मुश्किल होता है और ये बात मैं निष्पक्षता के साथ कह सकती हूं। अगर मुझे ही सुबह से शाम तक घर का एक-एक काम करने को कह दिया जाये तो शायद मैं वो नहीं कर सकती हूं क्योंकि मुझे आदत ही नहीं है। मैं 18 साल की उम्र से बाहर काम कर रही हूं लेकिन मैं उन महिलाओं का तहे दिल सम्मान करती हूं जो अपना घर संभालती हैं, बच्चों का पालन पोषण करती हैं और उन्हें अच्छे संस्कार देती हैं।’