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    नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल (Lov Agrawal) ने मंगलवार को बताया कि, “कोरोना वायरस (Corona Virus) एक्टिव केस में 50% की कमी, एक दिन में एक्टिव केस में 1.3 लाख की कमी 30 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में एक सप्ताह से लगातार घट रहे मामले, यह एक सकारात्मक प्रवृत्ति है। वहीं पॉजिटिविटी रेट गिरकर 6.62 प्रतिशत तक हो गया है।”

    295 राज्यों में कोरोना के मामले 100 से कम 

    लव अग्रवाल ने बताया कि, “देश में 29 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश ऐसे हैं जहां प्रतिदिन 5,000 से कम मामले दर्ज़ किए जा रहे हैं। 28 अप्रैल से 4 मई के बीच देश में 531 ऐसे ज़िले थे जहां प्रतिदिन 100 से अधिक मामले दर्ज़ किए जा रहे थे। ऐसे ज़िले अब 295 रह गए हैं।” 

    उन्होंने कहा, “3 मई को देश में 17.13% थे अब वह सिर्फ 6.73% रह गए हैं। सक्रिय मामलों में लगातार गिरावट दर्ज़ की गई है। आज एक दिन में देश में 1.3 लाख सक्रिय मामलों में कमी दर्ज़ की गई है।”

    लगभग 20 लाख टेस्ट प्रतिदिन हो रहे 

    स्वास्थ्य मंत्रालय ने अनुसार, “16-22 फरवरी के बीच प्रतिदिन देश में 7.7 लाख टेस्ट प्रतिदिन किए जा रहे थे। अब हम लगभग 20 लाख टेस्ट प्रतिदिन कर रहे हैं। अब तक हम देश में कुल 34.67 करोड़ टेस्ट कर चुके हैं।” उन्होंने कहा, ” पिछले 24 घंटे में देश में पॉजिटिविटी रेट 6.62% दर्ज़ की गई है। देश में 34 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश ऐसे हैं जहां पॉजिटिविटी रेट में लगातार कमी दर्ज़ की जा रही है।”

    केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने  बताया कि, “कोविशील्ड खुराक की अनुसूची में बिल्कुल कोई बदलाव नहीं है; यह केवल दो खुराक होगी। कोविशील्ड की पहली खुराक देने के बाद 12 सप्ताह के बाद दूसरी खुराक दी जाएगी। कोवैक्सिन पर भी यही शेड्यूल लागू है।”

    जुलाई से प्रतिदिन एक करोड़ टीका लगेगा 

    आईसीएमआर के महानिदेशक वैक्सीन बलराम भार्गव ने कहा, “देश में वैक्सीन की कोई कमी नहीं है। जुलाई के मध्य या अगस्त तक, हमारे पास प्रति दिन 1 करोड़ लोगों को टीका लगाने के लिए पर्याप्त खुराक होगी। हमें दिसंबर तक पूरी आबादी का टीकाकरण करने का भरोसा है।”

    तीसरी लहर में बच्चों पर ज्यादा ध्यान 

    नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने कहा, “बचपन पर हमारा ध्यान #COVID रोग हमारा ध्यान आकर्षित कर रहा है। बाल चिकित्सा आबादी आमतौर पर स्पर्शोन्मुख है। उन्हें अक्सर संक्रमण हो जाता है लेकिन उनके लक्षण न्यूनतम या शून्य होते हैं। बच्चों में संक्रमण ने गंभीर रूप नहीं लिया।”
     

    बच्चों की आबादी में अपना व्यवहार बदल सकता

    पॉल ने कहा, “वायरस बच्चों की आबादी में अपना व्यवहार बदल सकता है। बच्चों में कोविड का प्रभाव बढ़ सकता है। आंकड़ों से पता चला है कि कम संख्या में बच्चों को अस्पतालों में भर्ती कराया जा रहा है। हम तैयारियों पर जोर दे रहे हैं।” उन्होंने कहा, ” कोरोना बच्चों में 2 तरह से पाया गया है- सबसे पहले उनमें निमोनिया जैसे लक्षण सामने आए हैं। दूसरे में, हाल ही में C0VID19 से उबरने वाले बच्चों में मल्टी इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम के कुछ मामले पाए गए।”