The dream of building a grand Ram temple is coming true: Rajnath Singh
File Photo

Loading

नयी दिल्ली. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और शीर्ष सैन्य अधकारियों ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव कम करने के लिए भारत और चीन के बीच हुए पांच सूत्री समझौते पर शुक्रवार को चर्चा की। सरकारी सूत्रों ने बताया कि बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे, वायुसेना प्रमुख एअर चीफ मार्शल आर. के. एस. भदौरिया और नौसेना प्रमुख एडमिरल कर्मबीर सिंह तथा अन्य अधिकारी शामिल थे।

उन्होंने बताया कि बैठक में पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग सो झील के दक्षिणी किनारे पर इस सप्ताह के शुरू में दोनों पक्षों के बीच हुए ताजा टकराव के मद्देनजर सुरक्षा परिदृश्य की समग्र समीक्षा भी की गई। इस संबंध में एक सूत्र ने कहा, ‘‘बैठक में दोनों देशों के बीच हुए समझौते पर भी चर्चा हुई।” बैठक में जनरल नरवणे ने किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सेना की युद्धक तैयारी के बारे में जानकारी दी और भीषण सर्दी के महीनों में बलों को ऊंचाई वाले क्षेत्रों में रखने संबंधी योजनाओं की भी जानकारी दी।

भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में चार महीने से चले आ रहे गतिरोध को दूर करने के लिए पांच सूत्री समझौते पर सहमति बनी है जिसमें सैनिकों को तेजी से वापस बुलाना, तनाव भड़काने वाली कार्रवाई से बचना तथा वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर ‘‘शांति एवं स्थिरता” की बहाली करना भी शामिल है। विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक से इतर मॉस्को में बृहस्पतिवार शाम ढाई घंटे तक चली बैठक में समझौते को अंतिम रूप दिया गया।

चार महीने से चले आ रहे तनाव के बीच गत सोमवार को एलएसी पर 45 साल बाद हवा में गोली चलने की घटना हुई जिसका आरोप दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर लगाया है। ताजा टकराव के बाद दोनों पक्षों ने एलएसी पर विवाद वाले सभी स्थलों पर बड़ी संख्या में सैनिक और भारी अस्त्र-शस्त्र तैनात कर दिए हैं।

भारतीय सेना ने पिछले कुछ दिनों में पैंगोंग झील क्षेत्र में कई रणनीतिक चोटियों पर अपना दबदबा मजबूत किया है जहां से चीन के ठिकानों पर आसानी से नजर रखी जा सकती है। सूत्रों ने कहा कि फिंगर-4 इलाके में मौजूद चीनी सैनिकों पर लगातार नजर रखने के लिए पर्वत चोटियों और सामरिक ठिकानों पर भारतीय सेना ने अतिरिक्त कुमुक भेजी है। पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर फिंगर-4 से फिंगर-8 तक के इलाकों में चीनी सैनिक मौजूद हैं, लेकिन कई ऊंची चोटियों पर भारतीय सेना के नियंत्रण के बाद चीन की चिंता बढ़ रही है। (एजेंसी)