मुंबई. यमन के निश्तुन बंदरगाह पर पिछले तीन महीनों से फंसे हुए 18 भारतीय नाविक सुरक्षित स्वदेश लौट आए हैं। ये लोग शनिवार को महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई पहुंचे। सभी की हालत स्वस्थ बताई जा रही है।
बता दें कि इनका जहाज यमन के निश्तुन बंदरगाह में 21 जून को फंस गया था जिसके कारण ये 18 लोग वहीं फंस गए थे। जिसके बाद रियाद और जिबूती में भारतीय दूतावासों के अथक प्रयास, यमनी सरकार की मदद से उन्हें यहां से निकाला गया।
Mumbai, Maharashtra | 18 Indian crew reached Mumbai today from Yemen.
For the past few weeks, 18 Indian sailors were stuck at Nishtun Port of Yemen. pic.twitter.com/eXIM1BkrlJ
— ANI (@ANI) September 23, 2023
भारत सरकार से मिला पूरा सहयोग
यमन के निश्तुन बंदरगाह से बचाए गए भारतीय नाविकों में से एक ने कहा, “हम अभी यमन से आये हैं। हमारा जहाज यमन के निश्तुन बंदरगाह में फंस गया था जिसके कारण हम वहीं फंस गये थे। एक कंपनी पर जुर्माना भी लगाया गया। इसके बाद भारत सरकार ने कार्रवाई की और हमें बचाया गया। हमारे कैप्टन ने सारी प्रक्रिया की। उन्होंने भारतीय दूतावास और विदेश मंत्रालय से संपर्क किया और हमें बचा लिया गया। भारत सरकार से हमें पूरा सहयोग मिला। हम 3 महीने बाद घर लौटकर खुश हैं। हम भारत सरकार को धन्यवाद देना चाहते हैं।”
यमन सरकार ने किए थे पासपोर्ट ज़ब्त
वहीं, एक अन्य नाविक ने पलाश गिरी ने कहा,”हम पिछले तीन महीने से वहां फंसे हुए थे। हमारा जहाज 21 जून को फंस गया था। इसमें कुल 18 भारतीय चालक दल के सदस्य थे। हम यहां (भारत) से फरवरी में रवाना हुए थे। हमारा जहाज़ वहीं रुक गया और यमन सरकार ने हमारा जहाज़ और हमारे पासपोर्ट ज़ब्त कर लिये। हमने इसकी सूचना भारतीय दूतावास और विदेश मंत्रालय को दी। उन्होंने हमारा समर्थन किया और हमारी मदद की। हम वापस आकर बहुत खुश हैं। भारतीय दूतावास ने हमारी बहुत मदद की। हमें कोई अंदाजा नहीं था कि हम कितने समय तक वहां फंसे रहेंगे।”
#WATCH | Mumbai, Maharashtra: One of the Indian nationals rescued from Yemen’s Nishtun Port, Palash Giri says, “We had been stuck there for last three months. Our ship got aground on June 21. There were 18 Indian crew members in total… We left from here (India) in February…… pic.twitter.com/itzIZLvbon
— ANI (@ANI) September 23, 2023
नाइजीरिया से लौटे 16 भारतीय नाविक
गौरतलब है कि ऐसा ही एक मामला पिछले साल अगस्त में सामने आया था, जहां इक्वेटोरियल गुएनुइया और नाइजीरिया में 16 भारतीय नाविकों को हिरासत में लिया गया था। इसके बाद ये लोग करीब नौ महीने बाद जून में घर लौट आए थे। इन लोगों पर नाइजीरिया में तेल चोरी का आरोप लगा था।