प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) ने नोएडा के बहुचर्चित निठारी मामले में आरोपी सुरेंद्र कोहली (Surendra Koli ) और मनिंदर सिंह पंढेर (Maninder Singh Pandher) को बड़ी राहत दी है। अदालत ने सोमवार को सुरेंद्र कोहली और मनिंदर सिंह पंढेर को बरी कर दिया। इससे पहले गाजियाबाद की CBI अदालत ने कोहली और पंढेर पर लड़कियों के साथ दुष्कर्म और हत्या के आरोप तय करते हुए उन्हें मृत्यु दंड की सजा सुनाई थी।
#WATCH उत्तर प्रदेश: प्रयागराज में निठारी कांड के दोषी मोनिंदर सिंह पंढेर की वकील मनीषा भंडारी ने कहा, “इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मोनिंदर सिंह पंढेर को उसके खिलाफ दो अपीलों में बरी कर दिया है। उसके खिलाफ कुल 6 मामले थे। यहां कोली को उसके खिलाफ सभी अपीलों में बरी कर दिया गया है।” pic.twitter.com/6HAVjnK6wb
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 16, 2023
सबूतों के अभाव दोनों बरी
न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति एस एच ए रिजवी की पीठ ने कोली और पंढेर की अपील पर यह आदेश पारित किया। पंढेर और कोली ने गाजियाबाद की CBI अदालत के निर्णय को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष उचित संदेह से परे अपने मामले को सिद्ध करने में विफल रहा। इससे पूर्व कई दिनों तक चली सुनवाई के बाद अदालत ने मृत्युदंड मामले में अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था। उच्च न्यायालय ने सबूतों के अभाव में सभी मामलों में दोनों को बरी कर दिया।
ये है पूरा मामला
बहुचर्चित निठारी मामला साल 2005 और 2006 के बीच घटित हुआ था और तब सुर्खियों में आया जब दिसंबर, 2006 में नोएडा के निठारी में एक मकान के पास नाले में मानव कंकाल पाए गए थे। मोनिंदर पंढेर उस मकान का मालिक था और कोली उसका नौकर था। बाद मे, इस मामले की जांच कर रही CBI ने सुरेंद्र कोली के खिलाफ हत्या, अपहरण, दुष्कर्म और साक्ष्यों को नष्ट करने के लिए 16 मामलों में आरोप पत्र दाखिल किया और पंढेर के खिलाफ अनैतिक मानव तस्करी के लिए आरोप पत्र दाखिल किया था।