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बिलकिस बानो केस

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नई दिल्ली. आज यानी 31 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में बिलकिस बानो केस (Bilkis Bano Case) में 11 दोषियों की रिहाई के खिलाफ याचिका पर सुनवाई होगी। आज इस आबत जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस उज्जवल भुइयां की बेंच दोपहर 3 बजे से रिहाई का बचाव कर रहे दोषियों की केस को लेकर दलीलें सुनेगी।

जानकारी दें कि इससे पहले बीते 24 अगस्त को मामले की सुनवाई हुई थी। तब एक दोषी राधेश्याम के वकील ने अपने क्लाइंट के अच्छे चाल-चलन को साबित करने के लिए बताया था कि रिहाई के बाद अब वह वकालत भी कर रहा है।

हालांकि तब इस पर सुप्रीम कोर्ट ने हैरानी जताते हुए पूछा- ये कैसे हुआ? क्या कोई सजायाफ्ता कोर्ट में प्रैक्टिस कर सकता है? तब वकील ने कहा कि दोषी अपनी सजा काट चुका है। हालांकि, कोर्ट ने टपक से कहा कि, दोषी तो वह अब भी है। बस उसकी रिहाई सजा पूरी होने से पहले हुई है।

बता दें कि, बिलकिस बानो द्वारा दायर याचिका में गुजरात सरकार द्वारा 11 दोषियों को छूट देने के फैसले को चुनौती दी गई है, जिन्हें 2002 के गुजरात दंगे में बानो के परिवार के सदस्यों के साथ सामूहिक बलात्कार और हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

जानकारी कि, साल 2002 को गोधरा में हुए दंगे के दौरान बिलकिस बानो से गैंगरेप किया गया था।तब बिलकिस बानो की उम्र 21 साल थीं। वह पांच महीने की प्रेग्नेंट भी थीं। यही नहीं, उसके परिवार को लोगों की भी जघन्य हत्या कर दी गई थी। इस मामले में कोर्ट ने 11 लोगों को दोषी ठहराया था। लेकिन वहीं बीते साल 15 अगस्त को 2022 को गुजरात सरकार की एक कमिटी की रिपोर्ट के बाद इन सभी दोषियों को समय से पहले रिहा कर दिया गया था।

इस बाबत बीते साल ही बिलकिस ने फिर उच्च न्यायलय का दरवाजा खटखटाया था। वहीं फिर बीते 30 नवंबर 2022 को इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में गुजरात सरकार के फैसले के खिलाफ इस बाबत याचिका भी दाखिल की गयी थी।