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वकील हसन-मनोज तिवारी

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नई दिल्ली : उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी (Manoj Tiwari) ने बृहस्पतिवार को कहा कि सिल्कयारा सुरंग (Silkyara Tunnel) से मजदूरों को बाहर निकालने वाली टीम का हिस्सा रहे वकील हसन (Vakil Hasan) का घर कुछ ‘कानूनी मुद्दों’ जुड़ा था। तिवारी ने आश्वासन दिया कि बहुत जल्द ही हसन को प्रधानमंत्री आवास योजना (Awas Yojana house) (पीएमएवाई) के अंतर्गत मकान दिया जाएगा।

उत्तर-पूर्व दिल्ली के खजूरी खास इलाके में दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा चलाये गये एक अभियान में हसन का मकान गिरा दिया गया था। अभियान के दौरान कई और मकान भी गिरा दिए गए थे। उसके बाद हसन अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ फुटपाथ पर रात बिताने को मजबूर हैं। परिवार के पड़ोसियों ने हसन के परिवार को खाना और जरूरी सामान मुहैया कराया।

कुछ टीवी चैनलों ने हसन और उनके परिवार को अपने घर के मलबे के बीच बैठकर खाना खाते हुए दिखाया था। बुधवार को जारी एक वीडियो संदेश में हसन ने कहा कि उनका घर तोड़ दिया गया, जिसकी वजह से उनका परिवार बेघर हो गया है। अतिक्रमण हटाने के अभियान के तहत हसन का घर तोड़े जाने पर के सवाल का जवाब देते हुए तिवारी ने कहा, ”जब हमने उन्होंने सम्मानित किया था तो उन्होंने (हसन) मुझे इस समस्या से अवगत कराया था। लेकिन जब हमने मामले को देखा तो उसमें कुछ दिक्कतें सामने आईं। इसलिए हम उन्हें कानूनी रूप से मकान मुहैया कराएंगे और मैं उन्हें इस बात का आश्वासन देता हूं।”

भाजपा नेता ने कहा कि हसन का नाम पीएमएवाई लाभार्थी सूची में शामिल किया जाएगा और बहुत जल्द ही उन्हें मकान दिया जाएगा। दिल्ली के उपराज्यपाल और डीडीए के अध्यक्ष वीके सक्सेना ने कहा, ”मुझे इसके (अभियान के दौरान वकील हसन का घर तोड़े जाने) बारे में जानकारी दी गयी है। हम जल्द ही भरपाई करेंगे और उन्हें मकान भी देंगे।”

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वकील हसन के घर पर चला था बुलडोजर

सूत्र के मुताबिक, ”डीडीए के कुछ अधिकारी मौके पर पहुंचे और हसन व उनके परिवार को एक अस्थायी आवास मुहैया कराने की पेशकश की लेकिन उन्होंने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया।”

हसन ने कहा कि डीडीए अधिकारियों ने उनसे बहुत जल्द गोविंदपुरी इलाके में मकान देने को कहा लेकिन उन्होंने इस प्रस्ताव को इनकार कर दिया क्योंकि ये सिर्फ मौखिक आश्वासन था।”  

हसन ने कहा कि वह चाहते हैं कि अधिकारी उन्हें लिखित आश्वासन दें। उन्होंने कहा, ”हमने सिल्कयारा सुरंग से 41 लोगों को बाहर निकाला था और बदले में हमें यह मिला। पूर्व में मैंने अधिकारियों और सरकार से यह घर मुझे देने का अनुरोध किया था लेकिन उन्होंने एक नहीं सुनी। आज, बिना किसी पूर्व सूचना के डीडीए अधिकारियों ने इसे तोड़ दिया।” 

डीडीए का कहना है कि अतिक्रमण हटाओ अभियान उस जमीन पर चलाया गया, जो ‘योजनाबद्ध विकास भूमि का हिस्सा’ थी। पुलिस ने बताया कि अभियान के दौरान अवैध रूप से निर्मित कई संरचनाओं को तोड़ा गया।