नई दिल्ली: कोरोना तांडव (Coronavirus Pandemic) का कोहराम झेल रहे देश को इस बार के बजट से काफी उम्मीदें है। ऐसे में आम जनता को मोदी सरकार (Modi Govt) से उम्मीद हैं कि उन्हें वह निराश नहीं करेंगे। दरअसल कोविड (COVID-19) के कारण आर्थिक मोर्चे पर बहुत नुकसान झेलना पड़ा है। इसलिए अर्थव्यवस्था में जान डालने के लिए टैक्स पेयर्स को राहत देना बहुत जरूरी है। खबरें हैं कि आने वाले बजट (Budget 2022) में केंद्र सैलरी पाने वाले लोगों को बड़ी राहत दे सकती है।
ज्ञात हो कि केंद्र इस बार बजट में सैलरीड और पेंशनधारी लोगों को स्टैंडर्स डिडक्शन लिमिट में 30-40 फीसदी की छूट देने की घोषणा कर सकती है। हालांकि टैक्स स्लैब में बदलाव का कोई प्रस्ताव इस बार भी नहीं है। मौजूदा समय में सैलरी पाने वाले लोगों को 50 हजार रुपये तक टैक्स में छुट मिलती है। हालांकि कई संगठनों ने इसे बढाने की अपील पहले ही की है।
वहीं खबरें है कि वित्त मंत्रालय का कहना है कि उसे पर्सनल टैक्स को लेकर कई सुझाव मिले हैं। साथ ही उसका कहना है कि इस बार सभी की एक मांग यह है कि स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा को बढ़ाया जाए। दरअसल कोरोना के कारण लोगों का मेडिकल सेवाओं पर खर्च काफी बढ़ा हुआ है। यही कारण है कि स्टैंडर्ड डिडक्शन लिमिट को 30-35 फीसदी तक बढ़ाने का प्रस्ताव सामने रखा गया है। हालांकि इसे लेकर कोई अंतिम फैसला अभी नहीं हुआ है। इससे पहले आखिरी बार साल 2019 में इसकी सीमा को बढ़ाकर 50 हजार किया गया है।