इंफाल: सीबीआई (CBI) ने मणिपुर हिंसा (Manipur Violence) से जुड़े मामलों की जांच के लिए शुक्रवार (9 जून) को विशेष जांच दल (SIT) का शुक्रवार को गठन किया। इस जांच दल की कमान डीआईजी रैंक के अधिकारी के पास होंगी । पिछले दिनों राज्य में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ निकाला गया था। इसके बाद हिंसक झड़पें शुरू हो गई थीं।
अब तक हुई हिंसा में कई लोगों के घर जलाए दिए गए। वहीं, इस हिंसा में कई लोगों को जान से मार दिया गया। इस हिंसा की वजह से कई लोग घर से बेघर हो गए। इन झड़पों में कम से कम 100 लोग मारे जा चुके हैं और 310 अन्य घायल हुए हैं। वहीं, 37,450 लोग फिलहाल 272 राहत शिविरों में रह रहे हैं।
CBI forms special investigation team under DIG-rank officer to probe Manipur riots cases: Officials
— Press Trust of India (@PTI_News) June 9, 2023
मणिपुर में मेइती समुदाय की आबादी 53 प्रतिशत है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 फीसदी है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में बसती है। राज्य में शांति बहाली के लिए सेना और असम राइफल्स के लगभग 10,000 जवान तैनात किए गए हैं।
SC ने किया सुनवाई से इनकार
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर में इंटरनेट सेवाओं पर तीन मई से प्रतिबंध लगातार जारी रहने के विरोध में राज्य के दो लोगों की ओर से दायर की गई याचिका पर शुक्रवार को तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की अवकाश पीठ ने कहा कि इसी मुद्दे पर एक मामला उच्च न्यायालय में भी है। पीठ ने कहा, ‘‘ उच्च न्यायालय मामले की सुनवाई कर रहा है। कार्यवाहियों के दोहराव की जरूरत क्या ? नियमित पीठ के पास जिक्र करिए।”