चंडीगढ़: कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) ने चंडीगढ़ के महापौर चुनाव (Chandigarh Mayor Election) में सभी तीन शीर्ष पदों पर भाजपा की जीत के एक दिन बाद यहां संयुक्त रूप से प्रदर्शन किया।आप और कांग्रेस के पार्षदों ने भाजपा (BJP) के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने मंगलवार के महापौर चुनाव में ‘लोकतंत्र की हत्या’ का आरोप लगाया। प्रदर्शनकारी महापौर चुनाव के सिलसिले में पुलिस शिकायत दर्ज कराने यहां सेक्टर 17 के थाने के समीप इकट्ठा हुए।
थाने के समीप भारी पुलिस बल तैनात किया गया था और बैरीकेड (अवरोधक) लगाये गये थे। प्रदर्शनकारियों ने पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह पर चुनाव के दौरान कुछ मतपत्रों में छेड़छाड़ करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उनका कहना था कि इसी छेड़छाड़ की वजह से आठ मत अवैध घोषित कर दिये गये। आप नेता एस एस अहलुवालिया ने कहा, ‘‘ यदि देश में लोकतंत्र को कोई खतरा है तो यह भाजपा से है।”
वरिष्ठ कांग्रेस नेता पवन कुमार बंसल, कांग्रेस की चंडीगढ़ इकाई के अध्यक्ष एच एस लकी और कई आप नेता प्रदर्शन में शामिल हुए। कांग्रेस -आप गठबंधन को झटका देते हुए भाजपा ने मंगलवार को चंडीगढ़ का महापौर चुनाव जीत लिया और सभी तीन पद उसके पास बने रहे। कांग्रेस और आप ने पीठासीन अधिकारी पर मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया। कल जब महापौर पद के चुनाव के परिणाम की घोषणा की गयी तब चंडीगढ़ नगर निगम के सदन में विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के दो घटकों- कांग्रेस और आप के पार्षदों ने हंगामा किया। उन्होंने वरिष्ठ उपमहापौर एवं उपमहापौर के पदों के चुनाव के अगले चरण का बहिष्कार किया।
भाजपा प्रत्याशी मनोज सोनकर ने महापौर पद के चुनाव में आप के कुलदीप कुमार को हराया। सोनकर को 16 एवं कुमार को 12 वोट मिले। आठ वोट अवैध घोषित कर दिये गये। भाजपा उम्मीदवारों — कुलजीत संधू और राजिंदर शर्मा को क्रमश: वरिष्ठ उपमहापौर और उपमहापौर के पदों के लिए निर्वाचित घोषित किया गया। दोनों को 16-16 वोट मिले। विपक्षी पार्षदों ने चुनाव में मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया। भाजपा ने इस आरोप को बकवास बताया।