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चंडीगढ़: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अमरूद बागानों के मुआवजे से संबंधित कथित घोटाले (Guava Tree Scam) से जुड़े धन शोधन (Money Laundering) के एक मामले में बुधवार को पंजाब में 31 स्थानों पर तलाशी ली। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। ईडी ने पंजाब सतर्कता ब्यूरो की उस प्राथमिकी पर संज्ञान लेने के बाद मामला दर्ज किया था जिसमें ग्रेटर मोहाली क्षेत्र विकास प्राधिकरण द्वारा अधिग्रहित भूमि पर अमरूद बागानों के मुआवजे के रूप में जारी किए गए लगभग 137 करोड़ रुपये के गबन का आरोप लगाया गया है।

सूत्रों ने बताया कि कुछ वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और कुछ निजी व्यक्तियों के परिसरों पर तलाशी ली जा रही है। उन्होंने बताया कि पंजाब सतर्कता ब्यूरो ने इस मामले में बागवानी विभाग के कुछ अधिकारियों सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया था।

बता दें कि, अमरूद घोटाला 130 करोड़ रुपये से अधिक के गबन से जुड़ा है। आरोप है कि कुछ व्यक्तियों ने अधिक मुआवजा प्राप्त करने के लिए ग्रेटर मोहाली एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (GMADA) द्वारा अधिग्रहण की जाने वाली जमीन पर अधिक घनत्व में अमरूद के पेड़ लगाए थे। ताकि फलदार वृक्ष वाली जमीन का मुआवजा ऊंची दर पर मिल सके।

जानकारी के अनुसार, 2018 मेंइस जमीन खरीदने के बाद पौधे लगाए, लेकिन गमाडा अधिकारियों से मिलीभगत कर राजस्व रिकॉर्ड में दिखा दिया कि पौधे 2016 में लगा दिए थे। इसके बाद आरोपियों ने मिलकर विभाग से करीब 137 करोड़ रुपये का मुआवजा ले लिया। विजिलेंस को इस बात का पता चला तो उन्होंने केस दर्ज कर इस मामले में 18 लोगों को नामजद करते हुए जांच शुरू कर दी थी।