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नई दिल्ली. चंद्रयान (Chandrayan) पर मिली बड़ी खबर के अनुसार, ISRO आज रात 2 बजे चंद्रयान-3 (Chandrayan 3) के विक्रम लैंडर को ‘डीबूस्टिंग’ के जरिए चंद्रमा के और करीब लाने जा रहा है। बताते चलें कि, यहां ‘डीबूस्टिंग’ का मतलब स्पेसक्राफ्ट की रफ्तार को धीमी करना है। ‘डीबूस्टिंग’ में यान के चलने की दिशा के अपोजिट डायरेक्शन में थ्रस्टर फायर किए जाते हैं।

वहीं आज रात को होने वाले इस अतिमहत्वपूर्ण ऑपरेशन के बाद लैंडर की चंद्रमा से न्यूनतम दूरी 30 किमी और अधिकतम दूरी 100 किलोमीटर रह जाने की उम्मीद है।

जानकारी दें कि, सबसे कम दूरी से ही 23 अगस्त की शाम 5:47 बजे सॉफ्ट लैंडिंग का बड़ा प्रयास किया जाएगा। वहीं अगर 23 अगस्त को लैंडिंग में समस्या आती है तो अगले 1 महीने बाद फिर प्रयास होगा। क्योंकि चंद्रयान-3 को अगली सुबह का इंतजार करना होगा, जो वहां 28 दिन के बाद ही होगी।

फिलहाल विक्रम लैंडर की चंद्रमा से सबसे कम दूरी 113 Km और सबसे ज्यादा दूरी 157 Km है। वहीं इसरो ने बीते 18 अगस्त को ‘डीबूस्टिंग’ के ही जरिए लैंडर की ऑर्बिट घटाई थी। जानकारी दें कि, इससे पहले बीते गुरूवार यानी 17 अगस्त को चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल को लैंडर-रोवर से अलग किया गया था।

वहीं अब यह अलग हुआ प्रोपल्शन मॉड्यूल आने वाले कई महीनों तक चंद्रमा की कक्षा में रहकर धरती से आने वाले रेडिएशन्स का अध्ययन करता रहेगा, जबकि लैंडर-रोवर चंद्रमा की सतह पर 14 दिन तक पानी की खोज सहित अन्य जरुरी प्रयोग करेंगे।