CAA-MODI

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नई दिल्ली, जहां एक तरफ केंद्र सरकार (Modi Goverment) द्वारा लोकसभा चुनाव से पहले बीते सोमवार को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA)-2019 लागू किये जाने के बाद देशी के अन्य विपक्षी दलों ने इसे भारत के लिए एक विभाजनकारी और सांप्रदायिक कदम और मुद्दों से ध्यान भटकाने वाला करार दिया, वहीं सत्तारूढ़ BJP (भाजपा) ने इस कदम का स्वागत किया।

चुनाव के पहले CAA लागु 

जानकारी दें कि इस नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू हो जाने से अब पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के गैर मुस्लिम अप्रवासी भी भारत की नागरिकता के लिए अपना आवेदन कर सकते हैं। हालांकि इन देशों के मुसलमानों को यह सुविधा नहीं होगी। आज से ठीक साढ़े 4 साल पहले मोदी सरकार-2 ने संसद में इसे पारित तो करवा लिया था, लेकिन भारी विरोध के चलते तब इसे अमल में नहीं लाया गया था। 

CAA लागू होने पर विरोध 

इधर अब इस कानून पर अमल की अधिसूचना जारी होने मुस्लिम समुदाय खुद को अलग-थलग महसूस कर है। दरअसल अब यही अकेला समुदाय है, जिसके अवैध अप्रवासी अब भारत के नागरिक नहीं बन पाएंगे, जबकि इन देशों के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोग इसका लाभ ले लेंगे। ऐसे CAA को लेकर अब विरोध के स्वर बुलंद हो रहे हैं।इसको लेकर असम में विपक्षी दलों ने बीते सोमवार BJP नीत केंद्र सरकार की आलोचना की। वहीं, राज्यभर में सीएए के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। वहीं, 16 दल वाले संयुक्त विपक्षी मंच, असम (UOAFA) ने मंगलवार को राज्यव्यापी हड़ताल की घोषणा भी की है। 

असम पुलिस का नोटिस 

हालांकि गुवाहाटी पुलिस ने उन राजनीतिक दलों को कानूनी नोटिस दिया है, जिन्होंने CAA के विरोध में असम में ‘सरबतमक हड़ताल’ का आह्वान किया है। ‘सरबतमक हड़ताल’ के कारण रेलवे और राष्ट्रीय राजमार्ग संपत्तियों सहित सार्वजनिक/निजी संपत्ति को कोई नुकसान या किसी भी नागरिक को चोट लगने पर भारतीय दंड संहिता और सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम, 1984 सहित कानून के उचित प्रावधानों के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस नोटिस में यह भी कहा गया है कि आपके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाएगी और सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान की कुल लागत आपसे और आपके संगठन से वसूली जाएगी।

AIMIM का विरोध 

इधर CAA नोटिफिकेशन पर AIMIM के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान ने कहा, “क्रोनोलॉजी समझिए, समय देखिए। तारीखों का ऐलान होने वाला है, 2024 में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं और सरकार अचानक इसे अधिसूचित करने के बारे में सोचती है। 5 साल तक सरकार क्या कर रही थी? इसे पहले क्यों नहीं लाया गया? इसीलिए हम कहते हैं, सरकार चुनाव से पहले ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रही है। वे विकास के मोर्चे पर विफल रहे हैं।।। उनके पास सवालों के जवाब नहीं हैं।।। हमने पहले भी इस पर आपत्ति जताई थी और आज भी कहते हैं कि यह कानून असंवैधानिक है।।। हमें इस पर आपत्ति है।”

CAA से क्या चुनाव पर होगा असर?

BJP नीत केंद्र सरकार ने बड़ी अब CAA पर इंडिया गठबंधन जितना अधिक गुस्सा करेगा, उतना ही हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण NDA के पक्ष में होता जाएगा। क्योंकि त्वरित प्रतिक्रिया के चलते कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल CAA के विरोध में ऐसे तर्क देंगे जो हिंदुओं को अपने विरोधी प्रतीत होंगे। यह BJP के लिए लाभप्रद होगा। ऐसे में कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने तो बहुत संभल कर अपनी प्रतिक्रिया दी है। हालांकि उन्होंने ने आरोप लगाया कि, चुनावी बॉण्ड के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद यह घोषणा ‘सुर्खियां बटोरने’ का एक और प्रयास है। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘नियमों की अधिसूचना जारी करने के लिए नौ बार अवधि में विस्तार की मांग करने के बाद चुनाव से ठीक पहले का समय स्पष्ट रूप से चुनावों में ध्रुवीकरण करने के लिए तय किया गया है, खासकर पश्चिम बंगाल और असम में।” 

ममता की धमकी

लेकिन अब देखना है कि ऐसा संयम ममता बनर्जी आगे रख सकेंगी या नहीं। उन्होंने तो कहा है कि, अभी तो अधिसूचना ही जारी हुई है केंद्र सरकार इस पर अमल तो कर के दिखाए। उन्होंने सीधे धमकी दी है, कि हम चुप नहीं बैठेंगे। जो भी यहां रह रहा है, वह भारत का नागरिक है, धर्म के आधार पर मोदी सरकार भेदभाव नहीं कर सकती। आख़िर चार साल से अधिक समय तक वह इस कानून को ठंडे बस्ते में क्यों डाल के रखे रही? 

पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों में ख़ुशी की लहर   

लेकिन वहीं दिल्ली में रह रहे पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों में ना केवल नई उम्मीद जगी है बल्कि उन्होंने राहत की भी सांस ली है। उन्होंने कहा कि वे बहुत खुश हैं कि उन्हें ‘अंततः भारतीय नागरिक’ कहा जाएगा। तो इस तरह, लोकसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्र ने 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देने के लिए सीएए-2019 को लागू करने का ऐलान कर दिया है।