नयी दिल्ली. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और राज्य विधानसभा द्वारा पारित उन दो महत्वपूर्ण विधेयकों को राष्ट्रपति से मंजूरी दिलाने में केंद्र के हस्तक्षेप का आग्रह किया जिनमें बेअदबी की घटनाओं में लिप्त अपराधियों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। मान ने कहा कि पवित्र पुस्तकों की बेअदबी राज्य के लिए एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि यह देखा गया है कि इस तरह के अपराधों के लिए भारतीय दंड संहिता की मौजूदा धाराओं 295 और 295-ए के तहत दी जाने वाली सजा पर्याप्त नहीं है।
मान ने शाह को बताया कि पंजाब विधानसभा ने ‘भारतीय दंड संहिता (पंजाब संशोधन) विधेयक, 2018’ और ‘दंड प्रक्रिया संहिता (पंजाब संशोधन) विधेयक 2018’ पारित किया है जिनमें लोगों की भावनाओं को आहत करने के इरादे से श्री गुरु ग्रंथ साहिब, भगवत गीता, कुरान और बाइबिल को अपमानित करने या बेअदबी करने के मामले में आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि यह संशोधन संविधान में निहित धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों के अनुरूप है।
Punjab CM Bhagwant Mann met Union Home Minister Amit Shah and discussed issues relating to the State today.
(Photo source: Punjab CMO) pic.twitter.com/dSsSFVUUTF
— ANI (@ANI) December 9, 2022
राज्य सरकार की ओर से जारी एक बयान में मान के हवाले से कहा गया कि ये विधेयक अक्टूबर 2018 से राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए लंबित हैं। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती राज्य होने की वजह से पंजाब में सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने की बहुत आवश्यकता है। उन्होंने विधेयकों को राष्ट्रपति की शीघ्र स्वीकृति दिलाने के लिए केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की। मुख्यमंत्री ने एक और अहम मुद्दा उठाते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय नियमों के मुताबिक ‘जीरो लाइन’ के 150 मीटर के बाद निर्माण किया जा सकता है, लेकिन पंजाब में कुछ जगहों पर सीमा सुरक्षा बाड़ ‘जीरो लाइन’ से काफी दूरी पर हैं।
केंद्र की ओर से कुछ महीने पहले सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को अधिक शक्तियां प्रदान करने के बाद से ही यह मुद्दा राज्य और केंद्र के बीच विवाद का मुद्दा बना हुआ है। मान ने कहा कि खेती की जमीन का एक बड़ा हिस्सा अंतरराष्ट्रीय सीमा और मौजूदा बाड़ के बीच स्थित है, इसलिए कई किसानों को अपनी जमीन पर खेती करने के लिए सीमा बाड़ पार करनी पड़ती है और उन्हें इस वजह से रोजाना बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे सीमा सुरक्षा बल का कार्य भी बढ़ जाता है और सरकार को किसानों को पर्याप्त मुआवजा देना पड़ता है। बयान में कहा गया है कि मान ने केंद्रीय गृह मंत्री से राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किए बिना किसानों के व्यापक हित में जहां भी संभव हो, सीमा बाड़ को अंतरराष्ट्रीय सीमा की ओर स्थानांतरित करने की संभावना तलाशने का आग्रह किया।
उन्होंने शाह से राज्य पुलिस बल का आधुनिकीकरण सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त धन मुहैया कराने का भी आग्रह किया ताकि वह नई चुनौतियों का प्रभावी ढंग से मुकाबला कर सके। मान ने कहा कि सीमा पार से घुसपैठ और ड्रोन हमलों को रोकने के लिए राज्य पुलिस बल को आधुनिक उपकरण और हथियार मुहैया कराना समय की जरूरत है। (एजेंसी)