manish sisodiya
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    नई दिल्ली: गहराते बिजली संकट पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने रविवार को प्रेस कांफ्रेंस कहा कि पावर प्लांट से हमें अभी सूचना मिल रही है कि कहां-कहां कोयले की किल्लत है, कहां प्लांट बंद हो गए, लेकिन केंद्र इससे इनकार कर रहा है। इसी बीच केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने आज एक प्रेस कांफ्रेंस की जिसमें उन्होंने कोयले की कमी की वजह से बिजली आपूर्ति में बाधा की आशंकाओं को पूरी तरह निराधार बताया

    उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने कहा कि मुझे उनकी प्रेस कांफ्रेंस देखकर दुख हुआ कि केंद्र सरकार के मंत्री इतनी बड़ी गैर जिम्मेदारी वाली बात कैसे कर सकते है। जिस समय देश के सभी मुख़्यमंत्री केंद्र सरकार  से आने वाले संकट को लेकर आगाह कर रहे है और कह रहे है की देश से इससे बहार निकालिए। लेकिन मंत्री इस बात झूठा बता रहे है। मंत्री ने कहा की जो यह बात बता रहा है वह गलत है।  इससे यह साफ दिख रहा है कि भाजपा आज ऐसी स्थिति में नहीं है की उनसे केंद्र सरकार चल सके। वो किल्लत से भागने के बहाने खोज रहे हैं। 

    देश को झेलना पड़ेगा संकट

    अभी ऐसी परिस्थिति आ गई है। जहां पूरे देश से आवाज उठ रही है कि कोयले की किल्लत है, जो अंतत: बिजली की किल्लत में बदल जाएगी।जिसका असर पुरे देश में होगा, देश को बिजली के बहुत बड़े संकट का सामना करना पड सकता है। अगर ऐसा हुआ तो देश ठप्प हो जाएगा। फिर भी केंद्र सरकार फिर से कह रही है कि ऐसी कोई बात नहीं है। राज्य सरकारें और दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल गलत कर रहे हैं। 

    समस्या को स्वीकार तो कीजिए

    उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने आगे कहा कि यह केवल कोयले की भर की कमी नहीं है। इसका असर बिजली, सप्लाई, इंडस्ट्री, आईटी हर जगह पड़ेगा। केंद्र सरकार देश को गड्ढे में डालना चाहती है। देश को एकदम ठप्प कर देना चाहती है। आज दिल्ली और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने केंद्र को लिखा है। इसके अलावा पंजाब, यूपी और राजस्थान की सरकार भी कह रही है कि किल्लत है। फिर भी केंद्र सरकार कुछ नहीं कर रही है। इसका मतलब है कि उनके पास कोई समाधान नहीं है कोई हल नहीं है। अगर समस्या का उपाय नहीं है तो पहले उसे स्वीकार तो कीजिए।