नई दिल्ली: जहां एक तरफ आज कांग्रेस अपना 139वां स्थापना दिवस मन रही हैं। वहीं इनकी प्रमुख नेता प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi Wadra)) का नाम ‘प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट’ (PMLA) से जुड़े एक केस की चार्जशीट (Charge sheet) में दर्ज किया गया है। दरअसल मामले पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जानकारी के अनुसार कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी (Soniya Gandhi) के दामाद रॉबर्ट वाड्रा (Rober Wadra) और उनकी बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा ने दिल्ली के रहने वाले रियल एस्टेट एजेंट के जरिए हरियाणा में जमीनी खरीदीं। इस एजेंट ने एक NRI बिजनेसमैन सीसी थम्पी को भी जमीनें बेचीं हैं।
ED की मानें तो वाड्रा और थम्पी के रिश्ते काफी लंबे हैं और दोनों एक व्यापार करने के अलावा भी कई काम मिलकर करते हैं। इस मामले में जो भगोड़े हथियार डीलर संजय भंडारी का भी संबंध है। दरअसल भंडारी की मनी-लॉन्ड्रिंग, विदेशी मुद्रा और काले धन कानूनों के उल्लंघन और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत कई एजेंसियां जांच कर रही है। जिसके चलते वह 2016 में ही जांच एजेंसियों के डर की वजह से भारत छोड़कर ब्रिटेन भाग निकला था।
चार्जशीट में पहली बार आया प्रियंका का नाम
मामले पर हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट की मानें तो, थम्पी पर ब्रिटिश नागरिक सुमित चड्ढा के साथ मिलकर भंडारी को अपराध की कमाई छिपाने में मदद करने का संगीन आरोप है। हालांकि, दूसरी तरफ ED ने इस मामले से जुड़े हुए पहले की चार्जशीट में थम्पी के करीबी सहयोगी के तौर पर रॉबर्ड वाड्रा का नाम लिया है। मगर ये पहली बार है कि अदालत में जमा किए गए आधिकारिक दस्तावेज में प्रियंका गांधी के नाम शामिल हुआ है।
ED ने अपनी चार्जशीट में यह आरोप लगाया है कि HL पहवा ने वाड्रा और थम्पी दोनों को ही जमीनें बेचीं। इसके सतह ही उसे हरियाणा में जमीन खरीदने के लिए बेनामी पैसा मिला, लेकिन वाड्रा ने जमीन बिक्री के लिए पूरे पैसा नहीं दिए हैं।
इतना ही नहीं पहवा ने साल 2006 में प्रियंका गांधी को खेती की जमीन बेची और फिर 2010 में उनसे वो जमीन वापस खरीद लिया। अब देखने वाली बात ये है कि रॉबर्ट और प्रियंका को आरोपी नहीं बताया गया है। मगर थम्पी और वाड्रा के बीच संबंध दिखाने के लिए जमीन की खरीद-फरोख्त का जरुर जिक्र हुआ है। ऐसे में सबकी भुमिकायों में सवाल उठ रहे हैं।