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Pic: ANI

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गुवाहाटी: असम पुलिस (Assam Police) ने सर्वाच्च न्यायालय (Suprme Court) से कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा (Pawan Khera) की अंतरिम जमानत रद्द करने की मांग की है। पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जवाब में कहा है कि खेड़ा से हिरासत में पूछताछ ज़रूरी है। बता दें कि, इससे पहले 23 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ खेड़ा की कथित टिप्पणी को लेकर उन्हें उस समय दिल्ली हवाईअड्डे पर गिरफ्तार किया गया था, जब वह रायपुर जाने वाली उड़ान में सवार हुए थे। वही,  सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता को असम ले जाने से पहले ही अंतरिम जमानत दे दी थी। 

असम पुलिस ने शीर्ष अदालत में दाखिल जवाब में कहा है कि, पवन खेड़ा से हिरासत में पूछताछ ज़रूरी है। जिसके बाद ही पता चलेगा कि पीएम  नरेंद्र मोदी के पिता का नाम जानबूझकर कर गलत बोलने की निम्नस्तरीय हरकत के पीछे किन लोगों का दिमाग था।

पार्टी के लोग इस साज़िश में भागीदार

दाखिल जवाब में असम पुलिस ने यह भी कहा है कि, सुप्रीम कोर्ट में खेड़ा की तरफ से माफी मांगना सिर्फ छलावा है, उन्हें वास्तव में कोई पछतावा नहीं है। खेड़ा ने माफी मांग कर सुप्रीम कोर्ट से राहत पाई, लेकिन उनकी पार्टी कांग्रेस अपने ट्वीट और सोशल मीडिया पोस्ट में पीएम के पिता का नाम जानबूझकर ‘दामोदरदास’ की जगह ‘गौतमदास’ लिखती रही। पुलिस ने कहा कि, इससे साफ़ हो रहा है कि, पवन खेड़ा की ज़ुबान गलती से नहीं फिसली थी, बल्कि उनकी पार्टी के लोग इस साज़िश में भागीदार हैं।

पवन खेड़ा को 17 मार्च तक अंतरिम राहत

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जवाब में इस बात की भी आशंका जताई गई है कि, पीएम मोदी पर इस तरह के व्यक्तिगत हमले के पीछे देश में असंतोष फैला कर शांति भंग करना और भारत को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बदनाम करना भी मकसद हो सकता है। उल्लेखनीय है कि, उच्चतम न्यायालय में शुक्रवार समय की कमी की वजह से पवन खेड़ा की याचिका पर सुनवाई टल गई। वहीं, अदालटी ने उनकी अंतरिम राहत 17 मार्च तक बढ़ा दी है।