Corona virus in Karnataka, more than 5000 new cases surfaced in last 24 hours, 32 people died
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    कोलकाता: लोगों की आवाजाही पर पूर्ण प्रतिबंध और यात्रा प्रतिबंध जैसे व्यापक प्रतिबंधों वाला दृष्टिकोण भारत (India) जैसे देश में कोविड (Covid-19) से निपटने में उल्टा पड़ सकता है। लक्ष्य, जोखिम-आधारित रणनीतियों की वकालत करते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के भारत के प्रतिनिधि रोडेरिको एच ओफ्रिन (Roderico H Ofrin) ने वैश्विक महामारी का मुकाबला करने के लिए कहा है।

    जीवन और आजीविका दोनों को सुरक्षित रखने की आवश्यकता पर जोर देते हुए, उन्होंने कहा कि भारत और विश्व भर में सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्रवाई को लगातार चार प्रमुख प्रश्नों के साक्ष्य द्वारा निर्देशित किया जाना चाहिए – स्वरूप कितना संक्रामक है, इसके कारण होने वाली बीमारी की गंभीरता, टीके और सार्स-सीओवी-2 का पूर्व संक्रमण सुरक्षा देते हैं और आम लोग जोखिम को कैसे समझते हैं और नियंत्रण उपायों का किस प्रकार पालन करते हैं।

    ओफरिन ने पीटीआई-भाषा से एक ई-मेल साक्षात्कार में कहा, “डब्ल्यूएचओ यात्रा प्रतिबंध जैसे व्यापक प्रतिबंधों की सिफारिश नहीं करता है, न ही लोगों की आवाजाही पर पूर्ण प्रतिबंध की। कई मायनों में, ऐसे व्यापक प्रतिबंध वाले दृष्टिकोण प्रतिकूल साबित हो सकते हैं। भारत जनसंख्या वितरण और भौगोलिक प्रसार में अपनी विविधता के साथ, एक महामारी का मुकाबला करने के लिए जोखिम-आधारित दृष्टिकोण समझदार सार्वजनिक स्वास्थ्य अभ्यास बना हुआ है।”

    दिल्ली में कार्यरत अधिकारी ने कहा कि महामारी की स्थिति को देखते हुए, सरकारों को उपलब्ध जन स्वास्थ्य क्षमताएं और सामाजिक एवं आर्थिक संदर्भ में, संक्रमण के प्रसार को रोकने और नियंत्रित करने के लिए अपने उपाय करने चाहिए।  उनका यह बयान ओमीक्रोन के चलते भारत में कोविड-19 के आंकड़े मंगलवार को बढ़कर 3.76 करोड़ हो जाने के बाद आया है।

    ओफरिन ने कहा, “डब्ल्यूएचओ सरकारों को सूक्ष्म, लक्षित और जोखिम-आधारित दृष्टिकोण अपनाने की सलाह देता है जिसमें स्तर दर स्तर नियंत्रण उपाय शामिल हैं, जो यात्रा और प्रसार से जुड़े जोखिमों को कम करते हैं।”उन्होंने कहा कि ‘क्या करना है और क्या नहीं’ से जुड़ी सभी बातों का पालन किया जाए तो लॉकडाउन लगाने की जरूरत नहीं होगी।