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केजरीवाल और हेमंत सोरेन की याचिका पर सुनवाई

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नई दिल्ली: जहां एक तरफ आज दिल्ली (Delhi) के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejeriwal) को ED ने शराब घोटाला (Liquor Scam) मामले में आज पूछताछ के लिए बुलाया है। वहीं इस मामले पर अब खबर आ रही है कि, अरविंद केजरीवाल आज भी ED के समक्ष पेश नहीं होंगे। जांच एजेंसी ने दिल्ली मुख्यमंत्री केजरीवाल को 31 जनवरी को 5वां समन भेजकर 2 फरवरी को पेश होने को कहा था। ED ने इससे पहले 17 जनवरी, 3 जनवरी, 21 दिसंबर और 2 नवंबर को भी दिल्ली CM को समन भेजा था, लेकिन वो तब भी पेश नहीं हुए।

इस बाबत आज आम आदमी पार्टी (AAP) ने कहा कि, “दिल्ली के मुख्यमंत्री और AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल आज भी ईडी के सामने पेश नहीं होंगे। पार्टी ने समन को “गैरकानूनी” बताया है। हम वैध समन का पालन करेंगे। पीएम मोदी का लक्ष्य अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करना और दिल्ली सरकार को गिराना है। हम ऐसा नहीं होने देंगे।  ” बता दें कि शराब नीति केस में ही दिल्ली के पूर्व डिप्टी CM मनीष सिसोदिया और AAP सांसद संजय सिंह जेल में हैं।

क्या केजरीवाल बन सकते हैं दुसरे हेमंत सोरेन 

जानकारी दें कि, बीते बुधवार 31 जनवरी देर रात PMLA (धनशोधन निवारण अधिनियम) अदालत ने  ED द्वारा गिरफ्तार किए गए झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। उनके बाद आज चंपई सोरेन झारखंड के CM पद की शपथ लेंगे।   अब हेमंत सोरेन का साथ जो हुआ क्या अब उसी तर्ज पर दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल के साथ भी कुछ घटित होगा, यह यक्ष प्रश्न है।   

सोरेन पर क्या है मामला 

जानकारी दें कि हेमंत सोरेन पर करोड़ों की जमीन के घोटाला और इसी से जुड़ा मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज हुआ है। यह पूरा मामला 8।  46 एकड़ में फैली सेना की जमीन का है। वहीं 20 जनवरी से पहले ईडी ने सोरेन को कुल 7 समन जारी किये थे, इसके बाद कुल 9 समन उनके खिलाफ जारी हुए। उनके खिलाफ पहला समन बीते 14 अगस्त 2023 को जारी हुआ था। हालाँकि हेमंत के खिलाफ इसके अतिरिक्त अवैध खनन से जुड़ा मामला भी दर्ज है। इसमें भी उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का गंभीर आरोप है। 

अब केजरीवाल का क्या, होगा हेमंत जैसा हाल…  

मामले पर कानून के जानकारों के अनुसार, CM केजरीवाल के बार-बार पेश नहीं होने पर ED उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी कर सकती है। उसके बाद भी पेश नहीं हुए तो धारा 45 के तहत गैर जमानती वारंट जारी कर सकती है। लेकिन PMLA एक्ट में नोटिस की बार-बार अवहेलना पर उनकी गिरफ्तारी हो सकती है। अगर CM केजरीवाल आगे पेश नहीं होते हैं तो जांच अधिकारी आवास पर जाकर पूछताछ कर सकते हैं। ठोस सबूत होने पर या सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर ED उन्हें गिरफ्तार कर सकती है।

क्या है दिल्ली शराब घोटाला

दरअसल CBI और ED का आरोप है कि आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितता की गई थीं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ दिया गया था। इसमें लाइसेंस शुल्क माफ या कम किया गया था। इस नीति से सरकारी खजाने को 144.36 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। मामले में जांच की सिफारिश करने के बाद 30 जुलाई 2022 को दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति को वापस लेते हुए पुरानी व्यवस्था बहाल भी कर दी थी।