नई दिल्ली: कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने महिला पहलवान विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) का समर्थन किया है। विनेश फोगाट द्वारा अपना खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार कर्तव्य पथ पर छोड़े जाने को लेकर कांग्रेस नेता ने कहा कि देश की हर बेटी के लिए आत्मसम्मान पहले होता है पदक और सम्मान बाद में आता है। इसी के साथ उन्होंने पीएम मोदी पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने कहा कि पीएम देश के अभिभावक होते हैं और उनकी तरफ से ऐसी निष्ठुरता देखकर दुख होता है।
प्रधानमंत्री की निष्ठुरता देख पीड़ा होती है
राहुल गांधी ने रविवार को साेशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक कर्तव्य पथ पर फोगाट का एक वीडियो साझा करते पोस्ट शेयर किया। पोस्ट में उन्होंने कहा कि ‘देश की हर बेटी के लिए आत्मसम्मान पहले है, अन्य कोई भी पदक या सम्मान उसके बाद। आज, क्या एक ‘घोषित बाहुबली’ से मिलने वाले राजनीतिक फायदे की कीमत इन बहादुर बेटियों के आंसुओं से अधिक हो गई है? प्रधानमंत्री राष्ट्र के अभिभावक होते हैं, उनकी ऐसी निष्ठुरता देख पीड़ा होती है।
पुरस्कार लौटाया
विश्व चैम्पियनशिप में कई बार की पदक विजेता विनेश फोगाट ने शनिवार को अपने खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार लौटा दिया। दिल्ली पुलिस द्वारा प्रधानमंत्री कार्यालय जाने से रोके जाने के बाद विनेश दोनों पुरस्कार कर्तव्य पथ के बीच में छोड़ दीं, जिसके बाद राहुल गांधी आज पोस्ट शेयर कर विनेश का समर्थन किया है ।
देश की हर बेटी के लिये आत्मसम्मान पहले है, अन्य कोई भी पदक या सम्मान उसके बाद।
आज क्या एक ‘घोषित बाहुबली’ से मिलने वाले ‘राजनीतिक फायदे’ की कीमत इन बहादुर बेटियों के आंसुओं से अधिक हो गई?
प्रधानमंत्री राष्ट्र का अभिभावक होता है, उसकी ऐसी निष्ठुरता देख पीड़ा होती है। pic.twitter.com/XpoU6mY1w9
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 31, 2023
ये है मामला
बता दें कि विनेश ने ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया के साथ मिलकर भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह के चुनाव का विरोध किया था। इन तीनों पहलवानों ने बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। फोगाट ने मंगलवार को अपना खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार सरकार को लौटाने का फैसला किया था तथा कहा था कि ऐसे समय में इस तरह के सम्मान बेमतलब हो गए हैं जब पहलवान न्याय पाने के लिए जूझ रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर अपने फैसले की घोषणा की थी।
WFI निलंबित
हालांकि खेल मंत्रालय ने संविधान के प्रावधानों का पालन नहीं करने को लेकर WFI के नवनिर्वाचित पैनल को निलंबित कर दिया था जबकि भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) से खेल संस्था का कामकाज देखने के लिए एक तदर्थ समिति का गठन करने के लिए कहा था। खेल मंत्रालय के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए IOA ने बुधवार को WFI का कामकाज चलाने के लिए तीन सदस्यीय तदर्थ समिति का गठन किया।