पणजी: गोवा विधानसभा चुनाव (Goa Assembly Election 2022) को लेकर राजनीतिक हलचलें तेज़ हो गई हैं। तमाम राजनीतिक पार्टियों नेता दिग्गज नेता गोवा (Goa) का रुख कर रहे हैं और गोवा के वोटरों को लुभाने की हर मुमकिन कोशिशों में जुट चुके हैं। इस बीच शिवसेना (Shivsena) ने शनिवार को पार्टी का घोषणापत्र (Manifesto) जारी किया। महाराष्ट्र के मंत्री और शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे (Aaditya Thackeray) ने पार्टी का मैनिफेस्टो जारी किया। इस दौरान मुंबई (Mumbai) की मेयर किशोरी पेडनेकर और संजय राउत समेत शिवसेना के टॉप नेता भी उनके साथ मौजूद रहे।
एएनआई के अनुसार, ‘पणजी में महाराष्ट्र के मंत्री और शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने गोवा विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी का डिजिटल घोषणापत्र लॉन्च किया।’ इस मौके पर आदित्य ठाकरे ने कहा, “पानी और बिजली की आपूर्ति जैसी समस्याएं अभी भी लोगों के सामने आ रही हैं। अगर ऐसा है, तो हम यह समझने में विफल रहते हैं कि राज्य ने प्रगति की है या नेताओं ने प्रगति की है।” उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि उसका प्रचार अभियान समाज में विभाजन पैदा करने, नफरत फैलाने पर केंद्रित रहा है और उसके नेताओं ने अप्रासंगिक मुद्दों पर बात की जिसके कारण वास्तविक मुद्दों पर आवश्यक ध्यान नहीं दिया गया।
Panaji | Maharashtra Minister and Shiv Sena leader Aaditya Thackeray launches digital manifesto of the party for #GoaElections2022 pic.twitter.com/GTjCULMqnA
— ANI (@ANI) February 12, 2022
आदित्य ठाकरे ने कहा कि उनकी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ दोस्ती के कारण पहले गोवा पर ध्यान केंद्रित नहीं कर सकी, लेकिन भाजपा द्वारा पीठ में छुरा घोंपे जाने के बाद अब शिवसेना ने पंचायत स्तर से लेकर आम चुनाव तक तटीय राज्य में भविष्य के सभी चुनाव लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि गोवा को शिवसेना की जरूरत है क्योंकि केंद्र और राज्य में सत्ता में होने के बावजूद भाजपा सतत विकास में विफल रही है।
उल्लेखनीय है कि 2019 के महाराष्ट्र चुनाव के बाद शिवसेना भाजपा से अलग हो गई थी और उसने वहां राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) तथा कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई। शिवसेना 14 फरवरी को होने जा रहे गोवा विधानसभा चुनाव में राकांपा के साथ मिलकर लड़ रही है। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने इस बार गोवा में 10 उम्मीदवार उतारे हैं। गोवा के दिवंगत मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर के निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला करने के बाद पार्टी ने पणजी सीट से अपने उम्मीदवार शैलेंद्र वेलिंगकर को वापस ले लिया है। भाजपा के टिकट देने से इनकार करने के बाद उत्पल पर्रिकर ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला किया।
आदित्य ठाकरे ने कहा, “भाजपा के साथ दोस्ती के कारण शिवसेना ने अतीत में गोवा पर ध्यान केंद्रित नहीं किया था। लेकिन राजनीतिक घटनाक्रम को देखते हुए, जिसमें भाजपा ने शिवसेना की पीठ में छुरा घोंपा, हमने गोवा में भविष्य के सभी चुनाव लड़ने का फैसला किया है। हम यहां से पंचायत, विधानसभा और लोकसभा चुनाव लड़ेंगे… गोवा को शिवसेना की जरूरत है।” उन्होंने कहा कि गोवा विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के प्रचार अभियान को लेकर अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है।
बता दें कि, शिवसेना और एनसीपी (NCP) गोवा में आगामी चुनाव साथ लड़ने की तैयारी में हैं। शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने गठबंधन को लेकर पिछले दिनों घोषणा करते हुए कहा था कि, गोवा में शिवसेना और एनसीपी एक साथ चुनाव लड़ेंगे। हालांकि कांग्रेस दोनों पार्टयों से परेह अकेले ही चुनाव लड़ रही है। बता दें कि, महाराष्ट्र में शिवसेना-कांग्रेस और एनसीपी की महाविकास अघाड़ी सरकार है।
(एजेंसी इनपुट्स के साथ)