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PM मोदी से मदद की गुहार

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नई दिल्ली: जहां एक तरफ न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) समेत तमाम अन्य मुद्दों को लेकर दिल्ली कूच करने का प्रयास कर रहे किसानों (Farmers Protest) को फिलहाल पुलिस और प्रशासन अलग-अलग बॉर्डर पर रोक कर रखा गया है।  वहीँ आज गुरुवार यानी 15 फरवरी को किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच बातचीत होनी है।  इस बात की जानकारी खुद किसान नेताओं ने ही दी है। 

पंढेर चाहते हैं PM मोदी का साथ 

इधर किसान मजदूर मोर्चा के संयोजक सरवन सिंह पंढेर ने आज कहा, “हम चाहते हैं कि इस मुद्दे पर PM मोदी खुद बात करें तो इन सभी समस्याओं का हल निकल आएगा।  आज हमारी केंद्र सरकार के साथ बातचीत होनी है।  हम चाहते हैं कि PM मोदी स्वंय इस मसले पर पहल करें। ”  वहीँ सरवन सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि , “भले ही बुधवार को शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया गया लेकिन फिर भी आंसू गैस के गोले छोड़े गए, रबर की गोलियां बरसाईं गईं और ड्रोन का भी इस्तेमाल किया गया।  ये सब पुलिस ने नहीं किया बल्कि अर्धसैनिक बलों ने किया।  वही लोग हम पर हमला कर रहे थे।  इसके बावजूद हम केंद्र सरकार से बात करने के लिए तैयार हैं। ”

अब तक की बैठकें बेनतीजा

गौरतलब है की किसानों और सरकार के बीच बातचीत का नतीजा अब तक पहले जैसा ही है। चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्रियों के साथ किसान नेताओं की बातचीत वैसे ही फेल रही, जैसे पिछले किसान आंदोलन में हुआ करती थी और अब किसान नेताओं की तरफ से पहले की तरह ही बयान आये हैं। 

अबकी बार मोदी सरकार में नहीं कोई दबाव 

देखने पर ऐसा लगता है की लोक सभा चुनाव से पहले किसान आंदोलन सरकार के लिए परेशान करने वाला है। लेकिन ऐसी बात भी भी नहीं है कि केंद्र की मोदी सरकार पहले की तरह ही परेशान है।  पहली पर तब मोदी सरकार इस आंदोलन से इतना परेशान हो गई थी कि अपने ही लाये तीनों कृषि कानूनों पर उसे अपने कदम पीछे खींचने पड़े थे।  

अब एक किसान नेता भी BJP के साथ 

दरअसल 2022 में माहौल दूसरा था, तब  BJP कहीं ज्यादा परेशान थी, क्योंकि उत्तर प्रदेश में हर हाल में उसे सत्ता में वापसी करनी थी। चुनावी रैलियों में BJP नेता अमित शाह ने खासकर पश्चिम UP में अपने भासनों में कहा करते थे थे कि, लोग उत्तरप्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनवा दें ताकि 2024 में नरेंद्र मोदी फिर से प्रधानमंत्री बन सकें।  बस लोगों ने भी UP में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनवा दी।  अब अजब लोक सभा चुनाव होने को हैं, किसानों के बीच से उनके एक असरदार नेता जयंत सिंह को भी अब BJP ने साथ ले लिया है।  

राहुल और टिकैत के भाषण-बातों का भी कोई असर नहीं

इधर दूसरी तरफ कहने को तो राहुल गांधी न्याय यात्रा परहैं, और किसानों को सत्ता में आने पर MSP की गारंटी भी दे रहे हैं – लेकिन किसानों के कानों तक पहुंचते पहुंचते राहुल गांधी के भाषण का असर थोडा कम ही लगता है, जैसे राकेश टिकैत का इन मुद्दों पर बयान, या फिर जयंत चौधरी को लेकर सत्यपाल मलिक की समझाइश का।  

देखने में अब कुल मिलाकर माहौल ऐसा है कि, आज किसान सड़क पर जरूर हैं, लेकिन मोदी सरकार बड़े आराम और अपने कंफर्ट जोन में है। दरअसल अब मोदी सरकार किसान आंदोलन की काट का तरीका खोज चुकी है। आखिर अब मौजूदा किसान आंदोलन में पहले जैसी धार नहीं रह गई है जिससे मोदी सरकार पर प्रेशर दिखे।देखन यह है कि सरवन सिंह पंढेर के आह्वान का खुद PM मोदी क्या जवाब देते हैं।