नई दिल्ली: दुनिया भर में अब साइबर युद्ध (cyber warfare) का प्रचलन तेजी से बढ़ा है। हथियारों और मिसाइलों से लड़के का दौर कम होता जा रहा है। कई देश टेक्नॉलोजी पर फोकस कर रहे हैं और साइबर युद्ध को बढ़ावा दे रहे हैं। अब भारत भी इसमें पीछे नहीं रहेगा। भारतीय सेना (Indian Army) भी साइबर युद्ध के लिए तैयार हो रही है। इसके लिए भारतीय सेना ने तैयारी बना ली है। भारतीय सेना ने कमांड साइबर ऑपरेशंस एंड सपोर्ट विंग्स (Command Cyber Operations and Support Wings) तैयार करने का निर्णय लिया है।
सरकारी सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार शत्रुओं की साइबर युद्ध क्षमताओं के विस्तार और ग्रेज़ोन के साथ-साथ पारंपरिक युद्ध की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए भारतीय सेना ने यह निर्णय लिया है। सेना कमांडरों के सम्मेलन ने कमांड साइबर ऑपरेशंस एंड सपोर्ट विंग्स (CCOSWs) को संचालित करने का निर्णय लिया। ये संगठन भारतीय सेना की साइबर सुरक्षा स्थिति को मजबूत करने के लिए अनिवार्य साइबर सुरक्षा कार्य करने के लिए संरचनाओं की सहायता करेंगे।
In view of expansion of cyber warfare capabilities of adversaries & requirements of greyzone as well as conventional warfare, Army Commanders’ Conference decided to operationalise the Command Cyber Operations and Support Wings (CCOSWs) which are being raised. These organisations… pic.twitter.com/1ZVeOM0xhq
— ANI (@ANI) April 27, 2023
भारतीय सेना के अधिकारी ने बताया कि मिनी, सामरिक, झुंड और रसद ड्रोन, एंटी-ड्रोन उपकरण इत्यादि जैसे विशिष्ट तकनीक और उपकरणों को शामिल करने की भी तैयारी है। सेना कमांडरों के सम्मेलन ने बेहतर शोषण की सुविधा के लिए इष्टतम रोजगार दर्शन और स्केलिंग विकसित करने के लिए प्रमुख निदेशालयों और परीक्षण बिस्तरों को नामित करने का निर्णय लिया।
In view of the induction of niche tech & equipment like mini, tactical, swarm and logistics drones, Anti-Drone equipment etc, Army Commanders' Conference decided to nominate lead directorates and test bed formations to evolve optimal employment philosophies and scaling to…
— ANI (@ANI) April 27, 2023
दूसरी ओर भारतीय सेना के अधिकारियों का कहना है कि सेना कमांडरों के सम्मेलन में यह भी निर्णय लिया गया है कि उन सैनिकों के कल्याण और विशेष रूप से विकलांग बच्चों के कल्याण के लिए जो मर जाते हैं, ऐसे बच्चों को भरण-पोषण भत्ता दोगुना किया जाएगा।