Karnataka bandh

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बेंगलुरु. कावेरी नदी (Kaveri River) का पानी तमिलनाडु को दिए जाने के विरोध में खिलाफ कन्नड़ समर्थक और किसान संगठनों में शुक्रवार को कर्नाटक बंद का ऐलान किया है। जिसके चलते बेंगलुरु और मांड्या जिले में स्कूल और कॉलेज में छुट्टी की घोषणा की गई है। वहीं, मांड्या जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है।

मांड्या जिले के डिप्टी कलेक्टर डॉ. कुमार ने कहा, “कावेरी जल मुद्दे को लेकर कन्नड़ समर्थक संगठनों, किसान यूनियनों और कई अन्य संगठनों द्वारा कल बुलाए गए बंद को देखते हुए, मांड्या जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है और स्कूल और कॉलेज कल बंद रहेंगे।” वहीं, बेंगलुरु के डिप्टी कमिश्नर दयानंद केए ने कहा, “चूंकि कल विभिन्न संगठनों द्वारा ‘कर्नाटक बंद’ का आह्वान किया गया है, इसलिए बेंगलुरु शहर के सभी स्कूलों और कॉलेजों में कल छुट्टी घोषित कर दी गई है।”

सुबह से शाम तक रहेगा बंद 

‘कर्नाटक बंद’ के मद्देनजर राज्य में, खासतौर से दक्षिणी हिस्से में सामान्य जनजीवन बाधित रहने की आशंका है। कर्नाटक रक्षण वेदिके, कन्नड़ चलवली (वटल पक्ष) समेत कन्नड़ संगठनों और विभिन्न किसान संगठनों के शीर्ष संगठन ‘कन्नड़ ओक्कुटा’ ने पूरे राज्य में सुबह से शाम तक बंद का आह्वान किया है।

टोल, रेल सेवाएं और हवाई अड्डे रहेंगे बंद

बंद के आयोजकों ने बताया कि शहर में टाउन हॉल से फ्रीडम पार्क तक व्यापक जुलूस निकाला जाएगा जिसमें सभी वर्ग के लोगों के भाग लेने की संभावना है। उन्होंने कहा कि पूरे कर्नाटक में बंद का आह्वान किया गया है और वे राजमार्ग, टोल, रेल सेवाएं और हवाई अड्डे भी बंद कराने की कोशिश करेंगे।

होटलों, ऑटोरिक्शा और कार चालकों का बंद को समर्थन

विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल (सेक्यूलर) ने भी बंद को अपना समर्थन दिया है। साथ ही होटलों, ऑटोरिक्शा और कार चालकों के संघों ने भी बंद का समर्थन किया है। कर्नाटक प्रदेश निजी स्कूल संघ के एक पदाधिकारी ने बताया कि वे बंद को “नैतिक समर्थन” दे रहे हैं। इस बीच, राज्य के परिवहन विभाग ने सरकारी परिवहन निगमों को अपनी सेवाएं जारी रखने का निर्देश दिया है।

मांड्या में 15 दिन से प्रदर्शन जारी

कुछ कार्यकर्ताओं ने कावेरी का पानी तमिलनाडु को दिए जाने के खिलाफ कावेरी बेसिन वाले जिले मांड्या में गुरुवार को प्रदर्शन किया। वे पिछले 15 दिन से प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने तमिलनाडु के प्रति नरम रुख अपनाया और वह मामले पर उचित तरीके से ध्यान नहीं दे रही है। (एजेंसी इनपुट के साथ)